घोजाडांगा के रास्ते बांग्लादेश की ओर कुछ माल की आवाजाही शुरू
संवाददाता, कोलकाता
बांग्लादेश में जारी राजनीतिक उथल-पुथल के बावजूद पश्चिम बंगाल में भूमि बंदरगाहों के जरिये भारत और पड़ोसी देश बांग्लादेश के बीच व्यापार जल्द ही सामान्य होने की उम्मीद है. अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि इनमें से एक बंदरगाह के जरिये कुछ वस्तुओं की आवाजाही की खबर है. उन्होंने बताया कि दोनों देशों के भूमि बंदरगाह अधिकारियों के बीच बुधवार को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में दक्षिण एशिया के सबसे बड़े भूमि बंदरगाह पेट्रापोल में बैठक के बाद माल के परिवहन पर स्पष्टता मिलने की उम्मीद है. बांग्लादेश में संकट के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थिति की समीक्षा करने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक भी मंगलवार को पेट्रापोल में थे.
कैरीइंग एंड फॉरवर्डिंग एजेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारी जॉयदेव सरकार ने कहा कि ट्रक तैयार हो रहे हैं और घोजाडांगा के रास्ते बांग्लादेश की ओर कुछ माल की आवाजाही शुरू हो गयी है. यह इसलिए संभव हो पाया है, क्योंकि घोजाडांगा के दूसरी ओर पड़ोसी देश के भोमरा में स्थिति स्थिर बनी हुई है. उत्तर 24 परगना जिले के भूमि बंदरगाह से बांग्लादेश को आंवला, मिर्च, हल्दी और गेहूं चोकर जैसी प्रमुख वस्तुएं निर्यात की जाती हैं. एक अन्य कारोबारी ने बताया कि मालदा के महादीपुर में ट्रकों को भी माल निर्यात के लिए तैयार किया जा रहा है. बांग्लादेश के बेनापोल बंदरगाह में सीएंडएफ एजेंट एसोसिएशन के एक अधिकारी ने कहा कि व्यापार अभी तक पुनः शुरू नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि ट्रक तैयार हैं, लेकिन भारतीय पक्ष कुछ चिंता जता रहे हैं.
बांग्लादेश को भारत का निर्यात 2022-23 में 12.21 अरब अमेरिकी डॉलर से घटकर 2023-24 में 11 अरब डॉलर रह गया. आयात भी पिछले वित्त वर्ष में घटकर 1.84 अरब डॉलर रह गया, जो 2022-23 में दो अरब डॉलर था. बांग्लादेश को भारत के मुख्य निर्यात में सब्जियां, कॉफी, चाय, मसाले, चीनी, रिफाइंड पेट्रोलियम तेल, रसायन, कपास, लोहा और इस्पात व वाहन आदि शामिल हैं.
वहीं, भारत को बांग्लादेश का निर्यात कुछ श्रेणियों जैसे वस्त्र तथा परिधानों तक ही सीमित है, जो उनके निर्यात का 56 प्रतिशत है.
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