कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 को विपक्षी एकता के रूप में भी देखा जा रहा है. यही वजह है कि कई पार्टियों ने केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को परास्त करने के लिए तृणमूल कांग्रेस का समर्थन किया है. उनके नेता बंगाल आकर प्रचार भी कर रहे हैं. इनमें बिहार की राष्ट्रीय जनता दल (राजद), उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी (सपा), महाराष्ट्र की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), शिव सेना (एसएस), झारखंड की झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) जैसी पार्टियां शामिल हैं. हालांकि, तृणमूल और वामदल ममता की पार्टी से मुकाबले के लिए मिलकर मैदान में उतरे हैं.
बावजूद इसके, प्रदेश में 35 पार्टियां चुनाव लड़ रही हैं. 152 निर्दलीय उम्मीदवार हैं, सो अलग. चौथे चरण में कांग्रेस से ज्यादा उम्मीदवार उत्तर प्रदेश की मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने उतारे हैं. कांग्रेस के इस चरण में 9 उम्मीदवार हैं, तो बसपा के 13. वहीं, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) से ज्यादा उम्मीदवार एसयूसीआइ (सी) ने खड़े किये हैं. एसयूसीआइ (सी) ने 26 प्रत्याशी उतारे हैं, जबकि माकपा ने 22.
बंगाल में 10 साल से शासन कर रही पार्टी अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और उसे कड़ी टक्कर दे रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सभी 44 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किये हैं. इनके अलावा किसी और पार्टी ने सभी सीटों पर प्रत्याशी खड़े नहीं किये हैं. तृणमूल, भाजपा, एसयूसीआइ (सी), माकपा, बसपा और कांग्रेस के अलावा आमरा बांगाली ने भी 12 उम्मीदवार खड़े किये हैं.
माकपा की अगुवाई वाले लेफ्ट के घटक दल फॉरवर्ड ब्लॉक ने 6 उम्मीदवार उतारे हैं, तो कामतापुर पीपुल्स पार्टी (यूनाइटेड) ने 5, राष्ट्रीय सेक्युलर मजलिस पार्टी ने 4, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने 4, बहुजन मुक्ति पार्टी ने 3, लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने 3, नेशनल पीपुल्स पार्टी ने 2, आंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया ने 2, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) ने 2, बहुजन महा पार्टी ने 2 प्रत्याशी खड़े किये हैं.
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर), विकास इंडिया पार्टी, पार्टी फॉर डेमोक्रेटिक सोशलिज्म, सीपीआइ, सीपीआइ (एमएल)(एल)रेड स्टार, सीपीआइ (एमएल) (एल), सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया), इंडियन यूनिटी सेंटर, राइट टू रिकॉल पार्टी, जस्टिस एंड डेवलपमेंट पार्टी, ऑल इंडिया माइनॉरिटीज फ्रंट, यूनाइटेड सोशलिस्ट पार्टी, भारतीय न्याय अधिकार रक्षा पार्टी, नेशनल रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया, भारतीय मोमिन फ्रंट, भारतीय ट्राइबल पार्टी और समाजवादी जन परिषद ने 1-1 उम्मीदवार खड़े किये हैं.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि कांग्रेस ने लेफ्ट के साथ गठबंधन किया है और लेफ्ट ने कांग्रेस और फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की नयी पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आइएसएफ) के साथ गठबंधन किया है. इस तरह कांग्रेस-लेफ्ट-आइएसएफ ने संयुक्त मोर्चा के नाम से गठबंधन बनाया है. गठबंधन के तहत चौथे चरण में कांग्रेस के हिस्से में 9 सीटें आयी हैं. आइएसएफ को 4 सीटें मिली हैं, लेकिन पार्टी को अब तक चुनाव आयोग से मान्यता नहीं मिली है. इसलिए अब्बास की पार्टी के उम्मीदवार बिहार की पार्टी राष्ट्रीय सेक्युलर मजलिस पार्टी के चिह्न पर चुनाव लड़ रही है. आरएसपी और फॉरवर्ड ब्लॉक भी इसी गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में चौथे चरण में पांच जिलों की 44 सीटों पर विधानसभा के चुनाव कराये जा रहे हैं. जिन जिलों में चुनाव होने जा रहे हैं उनमें हावड़ा की 9 (डोमजूर, बाली, हावड़ा उत्तर, हावड़ा मध्य, शिवपुर, हावड़ा दक्षिण, संकराईल, पांचला और उलुबेड़िया पूर्व), दक्षिण 24 परगना की 11 (सोनारपुर दक्षिण, भांगड़, कसबा, जादवपुर, सोनारपुर उत्तर, टालीगंज, बेहला पूर्व, बेहला पश्चिम, महेशतला, बजबज और मटियाबुर्ज) में 10 अप्रैल को मतदान होगा.
हुगली जिला की 10 (उत्तरपाड़ा, श्रीरामपुर, चांपदानी, सिंगूर, चंदननगर, चुंचुड़ा, बालागढ़, पांडुआ, सप्तग्राम और चंडीतला), उत्तर बंगाल के अलीपुरदुआर की 5 (कुमारग्राम, कालचीनी, अलीपुरदुआर, फालाकाटा और मदारीहाट) और कूचबिहार की 9 (मेकलीगंज, माथाभांगा, कूचबिहार उत्तर, कूचबिहार दक्षिण, सीतलकुची, सिताई, दीनहाटा, नटबाड़ी और तूफानगंज) विधानसभा सीटों पर 10 अप्रैल को मतदान होना है.
Posted By : Mithilesh Jha