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इसीएल चरणपुर माइंस में अवैध खनन के दौरान चाल धंसने से युवक की मौत

दुखद. पेट की आग बुझाने को मौत के साथ हर दिन आंख मिचौली खेलते लोग, शुक्रवार को हुआ हादसा

धंसान की सूचना मिलने पर सुबह पहुंची पुलिस, खदान से निकालकर युवक को पहुंचाया जिला अस्पताल, जहां चिकित्सक ने बताया मृत

अपनी मां का एकमात्र सहारा था युवक, पिता से अलग मां के साथ दोमुहानी बाजार में रहता था युवक आसनसोल/रूपनारायणपुर. इसीएल श्रीपुर सतग्राम एरिया के भनोड़ा वेस्ट ब्लॉक कोलियरी अंतर्गत चरणपुर कोयला खदान (ओसीपी) में शुक्रवार रात को अवैध खनन के दौरान चाल धंसने से स्थानीय दोमुहानी बाजार इलाके का निवासी सौरव गोस्वामी (18) की मौत हो गयी. चाल धंसने की सूचना मिलने के बाद बाराबनी थाना पुलिस शनिवार सुबह खदान में गयी और सौरव को माइन्स से निकालकर जिला अस्पताल ले गयी. जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित किया. आसनसोल साउथ थाना में यूडी केस दर्ज हुआ. घटना को लेकर इलाके में मातम है. स्थानीय लोगों का दावा है कि धंसान में चाल के अंदर और भी कुछ।लोगों के मारे जाने की संभावना है. ये लोग बाहरी इलाके के होने के कारण कोई उनका तलाश करने नहीं आया. श्रीपुर सतग्राम एरिया के जीएम से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन वे मीटिंग में व्यस्त होने के कारण बात नहीं हो पायी. गौरतलब है कि इसीएल के सभी कोयला खदानों में धड़ल्ले से अवैध खनन का कार्य चलता है. जिसे लेकर इसीएल सुरक्षा विभाग की ओर से नियमित स्थानीय थानों में प्राथमिकी दर्ज करायी जाती है. कोयला चोरों से सुरक्षा अधिकारी व कर्मचारी भी डरे रहते हैं और पुलिस से अपनी सुरक्षा मांगते हैं. अवैध खनन के दौरान चाल धंसने की भी लगातार खबरें आती रहती हैं, लेकिन हादसे में मारे गये व्यक्ति का शव गायब हो जाता है. कुछ एक मामलों में ही मारे गये व्याक्ति का शव बरामद हो पाता है. ऐसा ही एक मामला शनिवार को चरणपुर माइंस में सामने आया.

क्या है पूरा मामला?

स्थानीय लोगों के अनुसार चरणपुर कोयला खदान में शुक्रवार रात करीब 10:30 बजे चाल धंसने से माइंस में अफरातफरी मच गयी. चाल में फंसे लोगों को निकालने का प्रयास शुरू हो गया. सूचना मिलते ही पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंची और धंसान की चपेट से निकाले गये युवक सौरव गोस्वामी को तुरंत अस्पताल पहुंचाया. जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित किया.

एक टोकरी कोयला काटने पर मिलता है 40 से 60 रुपये तक

खदानों में चल रहे अवैध कोयला कारोबार में, कोयला काटने और नीचे से कोयला ऊपर तक लाने के लिए दो टीमें अलग-अलग काम करती हैं. एक टीम चाल में कोयला काटती है और दूसरी टीम उस कोयले को ऊपर तक लाती है. एक टोकरी कोयला (करीब 30 से 50 किलो) उपर में 80 से 120 रुपये तक बिकती है, जिसमें से आधा पैसा काटने वाले का और आधा पैसा ढोने वाले का होता है. कुछ लोग काटने और ढोने का काम एकसाथ करते हैं, ताकि वे अधिक पैसा कमा सके. इस काम में पुरुष, महिला, बच्चे सारे जुटे हुए हैं. एक व्यक्ति पांच से छह टीप कोयला नीचे से उपर लाता है. कुछ घंटों में तीन-चार सौ रुपये कमा लेता है. एक-एक खदान में हजार से अधिक लोग प्रतिदिन इस अवैध कार्य को अंजाम देते हैं. यह सारा कुछ खुलेआम सबके सामने होता है. लेकिन आज तक कोई इसे बंद नहीं कर पाया. काफी लोगों की जाने गयी, फिर भी यह कारोबार चल रहा है. किसी को कुछ फर्क नहीं पड़ता है. सुरक्षा विभाग के अधिकारी ने अपनी शिकायत में लिखा था कि पूरे कारोबार का संचालन सिंडिकेट कर रहा है, जिसके कारण इसे बंद करना कठिन है.

खदान में नियमित ब्लास्टिंग से अवैध चालों के धंसने का खतरा बढ़ा

इसीएल के जो भी रनिंग ओसीपी हैं, उसमें कोयला निकालने के लिए प्रतिदिन भारी ब्लास्टिंग की जाती है. जानकारों का कहना है कि ब्लास्टिंग के कारण अवैध चालों में दरार पड़ जाती है, वहां से कोयला काटने के दौरान चाल धंसने की संभावना काफी बढ़ जाती है. जिसके कारण ही नियमित चाल धंसने की खबरे आती है. परित्यक्त खदानों में भी चाल कमजोर होने के कारण यहां भी धंसान होती है. पेट की आग बुझाने को लोग इस चाल में प्रतिदिन मौत के साथ आंख मिचौली खेलते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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