बोलपुर.
विश्वभारती के नये कुलपति प्रबीर कुमार घोष की घोषणा के महज 24 घंटे के अंदर ही विश्व विरासत शांति निकेतन में पर्यटकों या सैलानियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया. इस आशय पर शनिवार को विश्वभारती प्रबंधन की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गयी. एक बार फिर शांतिनिकेतन में वर्ल्ड हेरिटेज देखने आनेवालों और पर्यटकों में उदासी छा गयी है. लेकिन विश्वभारती प्रबंधन की ओर से कहा गया है कि जल्द ही कुछ नियम व शर्तों के साथ पर्यटकों के प्रवेश का रास्ता साफ कर दिया जायेगा. विश्वभारती प्रबंधन की ओर से बताया गया है कि यदि कोई विश्वभारती के आश्रम को देखना चाहता है, तो दो सप्ताह पहले विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी को ई-मेल कर आवेदन कर सकता है. विश्वभारती के जनसंपर्क अधिकारी अतिग घोष ने कहा कि विश्वभारती शांतिनिकेतन में मौजूद वर्ल्ड हेरिटेज देखने के लिए कुछ नियम व शर्ते लागू करनी होंगी, जिससे आश्रम अथवा वर्ल्ड हैरिटेज सुरक्षित रह सके. जल्द ही इसे लेकर प्रबंधन संबद्ध पक्षों से बातचीत कर पर्यटकों के लिए नियम व समय आदि तय करेगा.गौरतलब है कि पहले पर्यटक विश्वभारती परिसर में जा सकते थे. अलबत्ता, उनके लिए दोपहर 2:00 बजे के बाद से प्रवेश का समय रखा गया था. वर्ष 2020 में कोरोना-काल से आश्रम परिसर को सैलानियों के लिए बंद कर दिया गया था. बाद में स्थिति सामान्य हो गयी, लेकिन पर्यटकों के लिए आश्रम नहीं खोला गया. तत्कालीन कुलपति विद्युत चक्रवर्ती ने इस दिशा में उपयुक्त कदम नहीं उठाया. उसके बाद बीते पांच वर्षों से स्वाभाविक स्थिति में भी पर्यटकों के लिए विश्वभारती का दरवाजा नहीं खोला गया.
इस बीच, 17 सितंबर 2023 को यूनेस्को ने विश्वभारती को ””विश्व विरासत”” घोषित कर दिया. मालूम रहे कि विश्वभारती की स्थापना कविगुरु रबींद्रनाथ टैगोर ने की थी. विश्वभारती के नये कुलपति (वीसी) प्रबीर कुमार घोष ने चर्चा में भाग लेते हुए 24 घंटा पहले ही विश्वभारती के आश्रम में पर्यटकों के प्रवेश की घोषणा की थी, लेकिन 24 घंटा बीतते ही फिर पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है