बोलपुर. बीरभूम जिले के बोलपुर शांतिनिकेतन स्थित सोनाझुरी बाजार को वन विभाग की जमीन से हटाए जाने की संभावना पर स्थानीय स्तर पर शोरगुल शुरू हो गया है. राज्य के कारा मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा ने शुक्रवार को कहा कि सोनाझुरी बाजार के लिए वैकल्पिक स्थान की तलाश शुरू कर दी गई है. शांतिनिकेतन के प्रमुख आकर्षणों में से एक यह बाजार वर्तमान स्वरूप में रहेगा या स्थानांतरित होगा, इसे लेकर स्थानीय व्यापारी और कलाकारों में चिंता है. राज्य सरकार वन विभाग की भूमि पर लगे इस हाट के मामले में अंतिम निर्णय से पहले विकल्पों पर विचार कर रही है. मंत्री ने कहा कि सरकार हाट को बंद करने के बजाय उसे उपयुक्त जगह स्थानांतरित करना चाहती है ताकि बाजार का सांस्कृतिक स्वरूप और पहचान बरकरार रहे. इसके लिए उपयुक्त वैकल्पिक भूमि की पहचान की प्रक्रिया जारी है. मंत्री ने बताया कि अहमदपुर, बीरभूम की बंद चीनी मिल, जो लगभग दो दशक से बंद है, में एक नया औद्योगिक पार्क बनाने की योजना पर काम चल रहा है. सम्मेलन में यह भी बताया गया कि इलमबाजार और लाभपुर में छोटे बाजार विकसित किए जा रहे हैं ताकि स्थानीय कारीगरों और कलाकारों को स्थायी मंच मिल सके.विश्व बांग्ला विश्वविद्यालय के सभागार में राज्य लघु, मध्यम और कुटीर उद्योग विभाग की ओर से आयोजित सिनर्जी और व्यापार सम्मेलन में इन योजनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई. उद्घाटन सत्र में अनुब्रत मंडल और संबंधित विभाग के मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा समेत विभागीय सचिव उपस्थित थे. मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने छोटे उद्योगों के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनका लाभ कारीगरों और कलाकारों को मिलेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

