आसनसोल.
स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआइआर) के बाद आसनसोल उत्तर विधानसभा क्षेत्र में हियरिंग प्रक्रिया शनिवार से शुरू हुई. हियरिंग के पहले ही दिन ईआरओ सेंटर के बाहर स्थिति तनावपूर्ण हो गई और दोनों प्रमुख दलों के बीच टकराव देखने को मिला. हंगामे के चलते प्रशासन को अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करना पड़ा. हियरिंग सेंटर के बाहर सड़क पर भाजपा की ओर से हेल्प डेस्क लगाया गया था. आरोप है कि इसी दौरान तृणमूल कांग्रेस के कर्मियों ने हेल्प डेस्क में तोड़फोड़ शुरू कर दी और भाजपा कर्मियों के साथ मारपीट हुई. हालात बिगड़ते देख पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा.ईआरओ सेंटर में जबरन प्रवेश का आरोप
इसी बीच पश्चिम बर्दवान के जिलाधिकारी एस पोन्नमबलम और पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में तृणमूल कर्मी झंडा लेकर ईआरओ सेंटर के भीतर घुस गए और हंगामा किया. भाजपा कर्मियों को ईआरओ सेंटर से हटाने की मांग की गई. स्थिति नियंत्रण से बाहर होती देख और पुलिस बल बुलाया गया, जिसके बाद काफी मशक्कत के बाद तृणमूल कर्मियों को बाहर निकाला गया.प्रशासन का सख्त रुख, राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
जिलाधिकारी एस पोन्नमबलम ने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग के नियमों के तहत बिना ईआरओ नोटिस किसी को भी ईआरओ सेंटर में प्रवेश की अनुमति नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि ईआरओ सेंटर में किसी प्रकार की राजनीतिक हेल्प डेस्क लगाना नियमों के खिलाफ है. एसआइआर हियरिंग प्रक्रिया में किसी भी दल या नेता की ओर से बाधा उत्पन्न करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद पुलिस ने दोनों दलों के नेताओं और कर्मियों को ईआरओ सेंटर से हटाया और बाहर भी खड़े रहने से मना कर दिया. तृणमूल नेता अभिजीत घटक ने आरोप लगाया कि भाजपा हेल्प डेस्क के जरिए लोगों को डराने का प्रयास कर रही थी और हियरिंग प्रक्रिया प्रभावित की जा रही थी. वहीं, भाजपा के प्रदेश कमेटी नेता कृष्णेंदु मुखर्जी ने कहा कि हेल्प डेस्क केवल लोगों को सुविधा देने के लिए लगाया गया था, जिसे पुलिस के सामने तोड़ा गया. उन्होंने ईआरओ सेंटर में झंडा लेकर घुसने और हियरिंग प्रक्रिया में बाधा डालने का भी आरोप लगाया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

