रानीगंज.
रानीगंज के तार बांग्ला टिकियापाड़ा में रहनेवाली रशीदा बेगम (65) नामक महिला के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए उनके परिजनों ने मंगलपुर स्थित शुभदर्शनी अस्पताल में जम कर हंगामा किया. रशीदा बेगम को शनिवार को पैरालिसिस के अटैक के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. रशीदा बेगम के बेटे मोहम्मद इदरीस आलम ने बताया कि उनकी मां को शनिवार को शुभदर्शनी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. आरोप लगाया कि उनके पास स्वास्थ्य साथी कार्ड होने के बावजूद अस्पताल की ओर से भर्ती के समय 10,000 रुपये ले लिये गये. उसके बाद विभिन्न टेस्ट के नाम पर भी उनसे हजारों रुपये लिये गये. इदरीस आलम के मुताबिक उन्हें आज पता चला कि उनकी मां को वेंटिलेटर पर रखा गया है, जबकि इसके बारे में अस्पताल की ओर से उनसे कोई बात नहीं की गयी. उन्होंने सवाल उठाया कि मरीज के परिवार से बात किये बिना उन्हें वेंटिलेटर पर कैसे रखा जा सकता है. यह भी बताया कि जब इस बारे में पूछने पर अस्पताल के डॉक्टर अभिजीत मंडल ने कहा कि उन्हें रशीदा बेगम की बीमारी के बारे में कुछ भी नहीं पता है और अस्पताल प्रबंधन ने उनसे इस बाबत कुछ नहीं कहा है.यह सुनते ही मरीज के परिजन भड़क गये और अस्पताल परिसर में हंगामा करने लगे. परिजनों ने अस्पताल प्रशासन से इस जवाब मांगा है कि उनकी मां की हालत इतनी खराब कैसे हो गयी और डॉक्टर से बिना बातचीत किये किसी मरीज का ऐसे इलाज कैसे किया जा रहा था.
मरीज के रिश्तेदारों के आरोपों को अस्पताल प्रबंधन ने नकारा
परिजनों के आरोप को लेकर पूछने पर उक्त निजी अस्पताल की सीईओ अंतरा गांगुली ने चिकित्सा में लापरवाही के आरोपों को पूरी तरह से नकार दिया और कहा कि डॉक्टर की सलाह के बिना किसी मरीज का इलाज या टेस्ट करना संभव नहीं है. कोई भी गैर-मेडिकल व्यक्ति इलाज के बारे में नहीं कह सकता. उन्होंने कहा कि इलाज में कोई चूक या भूल नहीं की गयी है. इल्जाम लगाया कि मरीज के परिजनों ने अस्पताल परिसर में तोड़फोड़ की है. रोगियों के परिजन ऐसे हंगामा करेंगे, तो अस्पताल में काम करना मुश्किल हो जायेगा.
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