जिला कमेटी के सदस्य विरोध रैली की शक्ल में पहुंचे डीएम दफ्तर, किया प्रदर्शन की गयी जिले में कोयला-बालू तस्करी रोकने की भी मांग आसनसोल. माकपा जिला कमेटी की ओर से रानीगंज कोल्डफील्ड अंचल में पेयजल आपूर्ति सहित छह सूत्री मांगों को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया गया. उसके बाद माकपा का एक प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांगों से संबधित ज्ञापन सौंपा. विरोध प्रदर्शन की शुरुआत भगत सिंह मोड़ से रैली निकाली गयी जो एचएलजी मोड़ होकर कन्यापुर एडीडीए भवन स्थित जिलाधिकारी के समक्ष पहुंचकर सभा में तब्दील हो गयी. जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष पुलिस की अेार से बेरिकेट किया गया था. माकपा का एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी कार्यालय में अपनी मांगों से संबधित ज्ञापन सौंपा. मौके पर जिला सचिव गौरांग चटर्जी, पार्थ मुखर्जी, मनोज दास, पूर्व विधायक जहांनारा खान, सत्तो चटर्जी, अरूण पांडे सहित सैकडों माकपा कार्यकर्ता मौजूद थे. ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि कालाझरिया स्थित पीएचई पंप हाउस के कलेक्टर वेल ब्रिज की मरम्मत कार्य को तुरंत पूरा करना होगा. जामुडिया दरबारडांगा के पंप हाउस की मरम्मत कार्य करना होगा. जल संकट से जुझ रहे सभी इलाकों में शुद्ध पेज जलापूर्ति करनी होगी. नेशनल हाईवे सहित सभी सडकों की मरम्मत का कार्य करवाना होगा. कोलकाता हाईकोर्ट के आदेशानुसार एक सौ दिन का काम शुरू करने की मांग उठायी गयी. जिले मे अवैध कोयला और बालू तस्करी का कारोबार बंद करना होगा. जिला सचिव गौरांग चटर्जी ने कहा कि जिले में विभिन्न थाना क्षेत्र में अवैध बालू तस्करी का कारोबार धडल्ले से चल रहा है. पुलिस प्रशासन तथा जिला प्रशासन को जानकारी होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. अजय नदी तथा दामोदर नदी से बालू तस्करी के कारण् नदी का वास्तविक स्वरूप भी परिवर्तित हो रहा है. पुलिस प्रशासन बालू तस्करी को रोकने में पूरी तरह से असमर्थ है. अजय नदी की तलछट वीरभूम जिले में तथा दामोदर नदी की तलछह बांकुडा जिले में होने के कारण आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट अपना पल्ला झाड़ लेता है. लेकिन इस प्रकार के अवैध कारोबार का असर आज आम नागरिकों को प्रभावित कर रहा है. दामोदर नदी से अवैध बालू तस्करी के कारण कालाझरिया स्थित पीएचई पंप हाउस का कलेक्टर वेलब्रिज टूट गया और जामुड़िया व रानीगंज के कई इलाकों में जल संकट पैदा हो गया है. माकपा का जिला प्रशासन से अनुरोध है कि उनकी मांगों पर उचित कार्रवाई की जाये, अन्यथा बड़ा आंदोलन किया जायेगा.
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