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रानीगंज हाइ स्कूल में चलेगी स्मार्ट क्लास, छात्र पायेंगे आधुनिक शिक्षा

रानीगंज हाइ स्कूल में शनिवार को आसनसोल-दुर्गापुर विकास प्राधिकरण (एडीडीए) के आर्थिक सहयोग से दो स्मार्ट और डिजिटल कक्षाओं का उद्घाटन कर दिया गया. साथ ही विद्यालय को एक लैपटॉप भी दिया गया. इस परियोजना पर कुल लगभग 10 लाख रुपये की लागत आयी है.

रानीगंज.

रानीगंज हाइ स्कूल में शनिवार को आसनसोल-दुर्गापुर विकास प्राधिकरण (एडीडीए) के आर्थिक सहयोग से दो स्मार्ट और डिजिटल कक्षाओं का उद्घाटन कर दिया गया. साथ ही विद्यालय को एक लैपटॉप भी दिया गया. इस परियोजना पर कुल लगभग 10 लाख रुपये की लागत आयी है. उद्घाटन समारोह में एडीडीए के चेयरमैन कबि दत्ता, रानीगंज के विधायक तापस बनर्जी, रानीगंज बोरो दो के चेयरमैन मुजम्मिल शहजादा, रानीगंज ब्लॉक टीएमसी टाउन अध्यक्ष रूपेश यादव ,पार्षद ज्योति सिंह और रानीगंज उच्च विद्यालय के शिक्षकगण उपस्थित थे. इस अवसर पर विधायक तापस बनर्जी ने कहा कि जब वे आसनसोल दुर्गापुर विकास प्राधिकरण के चेयरमैन थे, तब उन्होंने रानीगंज के विकास के लिए कई परियोजनाओं की शुरुआत की थी. उन्होंने खुशी जताई कि वर्तमान चैयरमेन कबी दत्ता उन परियोजनाओं को आगे बढ़ा रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में आसनसोल दुर्गापुर विकास प्राधिकरण द्वारा रानीगंज में लगभग दो करोड़ रुपये के विकास कार्य चल रहे हैं, जिनमें से कई पूरे हो चुके हैं.

रानीगंज के विभिन्न क्षेत्रों में बदहाल सड़कों को लेकर पूछने पर कबि दत्ता ने साफ किया कि एडीडीए सड़कों व नालियों का निर्माण करता है, लेकिन उनके रखरखाव की जिम्मेदारी आसनसोल नगर निगम की है. हालांकि एडीडीए कभी-कभी रखरखाव का काम भी करता है, पर मुख्य रूप से यह जिम्मेदारी नगर निगम की है.

रानीगंज उच्च विद्यालय में स्मार्ट क्लास के उद्घाटन पर, कबि दत्ता ने बताया कि यह परियोजना तापस बनर्जी के कार्यकाल में स्वीकृत हुई थी और उन्हें खुशी है कि यह आज पूरी हो गई है. उन्होंने कहा कि आसनसोल दुर्गापुर विकास प्राधिकरण क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और लगातार इस तरह के कार्य कर रहा है. तापस बनर्जी ने रानीगंज उच्च विद्यालय को स्मार्ट क्लास के लिए चुनने के पीछे के कारण को स्पष्ट करते हुए कहा कि रानीगंज दो महान विभूतियों, काजी नजरुल इस्लाम और शैलजानंद मुखर्जी की जन्मस्थली है. शैलजानंद मुखर्जी ने इसी विद्यालय में शिक्षा प्राप्त की थी और उनकी स्मृति में विद्यालय में उनकी प्रतिमा भी स्थापित की गई है इसलिए, इस शताब्दी पुराने विद्यालय के विकास के लिए स्मार्ट क्लास बनाने का निर्णय लिया गया.

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