आसनसोल.
भाजपा के आइटी सेल के राष्ट्रीय प्रभारी और बंगाल के पार्टी पर्यवेक्षक अमित मालवीय ने हाल में पेश बंगाल के बजट को लेकर यहां की तृणमूल कांग्रेस पर करारा हमला बोला. कहा कि बंगाल की ममता सरकार ने तुष्टीकरण की हद कर दी है, फिर भी यहां अल्पसंख्यकों की हालत किसी से छिपी नहीं है. बंगाल के कुल बजट का 60 फीसदी हिस्सा मदरसा शिक्षा के विकास के लिए प्रस्तावित है, फिर भी यहांअल्पसंख्यक उपेक्षित हैं. राज्य सरकार की नौकरियों में नाममात्र के अल्पसंख्यक हैं. बंगाल में मदरसा शिक्षा मॉडल के विकास पर 5500 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है, फिर भी यहां अल्पसंख्यकों खासकर मुसलिमों की स्थिति खराब है. केंद्रीय बजट के उलट बंगाल के बजट में ऐसा कुछ भी नहीं है. जिससे कि आनेवाले समय में बंगाल के युवाओं व महिलाओं को लाभ हो. ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया है, जिससे यहां रोजगार के नये अवसर पैदा हों. बस कुछ वादे किये गये हैं. लेकिन हमने देखा है कि वर्ष 2011 से लेकर अब तक राज्य की ममता सरकार के बजट में जो भी वादे किये जाते रहे हैं, वो पूरे नहीं किये गये. यहां केंद्र की आयुष्मान भारत योजना को लागू नहीं करने दिया जा रहा है. इससे यहां के लोगों को आयुष्मान भारत की सुविधा नहीं मिल पा रही है. जबकि इसके उलट केंद्र सरकार के बजट में समाज के हर वर्ग के लिए कुछ ना कुछ है. उसमें 2047 तक जो विकसित भारत का सपना देखा गया है, उसे साकार करने का रोडमैप तैयार किया गया है. दावा किया कि जिस तरह से केंद्र सरकार के बजट में युवाओं, बुजुर्गों, महिलाओं के अलावा निवेश व रोजगार के अवसर पैदा करने के साथ सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का ध्यान रखा गया है, उससे इस बजट से लोगों को काफी उम्मीदें हैं. केंद्रीय बजट को समाज व देश के मध्यम वर्ग को ध्यान में रख कर पेश किया गया है, जो इस मायने में ऐतिहासिक है. इस बजट के जरिए मध्यम वर्ग को बड़ा तोहफा दिया गया है. 12 लाख तक के सालाना आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा. इस बजट के फलस्वरूप बाजार में मांग बढ़ेगी. मांग बढ़ने से उत्पादन बढ़ेगा और इससे आखिर में बाजार में तेजी आयेगी. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने हमेशा रोजगार के अवसर पैदा करने और छोटे व मझोले उद्योगों को बढ़ावा देने का प्रयास किया है. इस बार का बजट उस दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा.अमित मालवीय ने आगे कहा कि उसके बरक्स राजनीति से प्रेरित बंगाल की सत्ताधारी सरकार यहां आयुष्मान भारत जैसी उत्कृष्ट जनकल्याणकारी योजना को लागू नहीं होने दे रही है. इससे साफ है कि ममता बनर्जी बंगाल के लोगों का हित नहीं चाहती हैं. वे बस अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी करने में लगी हैं. इसलिए वह बार-बार केंद्र सरकार की कल्याणकारी परियोजनाओं से बंगाल की जनता को वंचित रख रही हैं. आगे ऐसा नहीं होगा, क्योंकि अगले साल बंगाल की सत्ता में ममता बनर्जी नहीं होंगी और यहां की सत्ता पर भगवा पार्टी होगी. भाजपा ही अगला बजट पेश करेगी. ममता बनर्जी की सरकार 2026 में यहां नहीं रहेगी.
बंगाल में भाजपा के सत्तासीन होने पर केंद्र की सारी कल्याणकारी योजनाएं यहां लागू की जायेंगी. इससे बंगाल प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ेगा. कभी बंगाल पूरे देश में उद्योग-धंधों के मामले में पहले स्थान पर था. लेकिन आज पश्चिम बंगाल को रसातल में ले जाया जा रहा है. इन सबके पीछे ममता बनर्जी की सरकार है. इस सरकार ने बंगाल को औद्योगिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि सभी क्षेत्रों में पीछे धकेल दिया है. अमित मालवीय शनिवार को यहां निजी हॉटेल में संवाददाताओं से मुखातिब थे. मौके पर बालुरघाट के भाजपा विधायक डॉ अशोक लाहिड़ी, आसनसोल दक्षिण की विधायक अग्निमित्रा पाल, भाजपा जिलाध्यक्ष बप्पा चटर्जी, कुल्टी के विधायक डॉ अजय पोद्दार, कृष्णेंदु मुखर्जी आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है