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चाल धंसने से जख्मी हुए युवक की इलाज के दौरान मौत, डॉक्टर को परिजनों ने घेरा

गड्ढे में गिरने से युवक हुआ था घायल

गड्ढे में गिरने से युवक हुआ था घायल 4.5 घंटे इलाज करने के बाद डॉक्टर ने किया रेफर दो लाख रुपये के मुआवजे पर बनी सहमति, पीड़ित परिवार से मिले स्थानीय पार्षद ललन मेहरा आसनसोल/कुल्टी. भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) के दामागोड़िया कोलियरी परियोजना अंतर्गत बोडिरा ओसीपी में अवैध कोयला खनन के दौरान सोमवार सुबह सुरंग में चाल गिरने से घायल हुए स्थानीय लालबाजार इलाके के एक युवक की मौत हो गयी. परिजनों ने बोडिरा इलाके एक निजी क्लिनिक में घायल युवक का सही इलाज नहीं होने को लेकर भारी हंगामा किया. मौके पर स्थानीय पार्षद व भाजपा नेता ललन मेहरा भी पहुंचे थे. श्री मेहरा ने बताया कि मृतक के घरवालों ने आरोप लगाया कि साढ़े चार घंटे तक युवक का इलाज क्लिनिक में करने के बाद चिकित्सक ने उसे बेहतर इलाज के लिए रेफर किया. क्लिनिक से दूसरे अस्पताल ले जाने के दौरान ही उसकी मौत हो गयी. चिकित्सक से मुआवजा की मांग की जा रही थी. दो लाख रुपये मुआवजा पर आपसी सहमति बनी है. अंतिम क्रियाकर्म के लिए 20 हजार रुपये मृतक के परिजन को दिया गया. सूत्रों के अनुसार शव का पोस्टमार्टम भी नहीं कराया गया. पुलिस के अनुसार इस प्रकार की किसी दुर्घटना की सूचना नहीं मिली है. गौरतलब है बीसीसीएल के बोडिरा ओसीपी में नियमित अंतराल पर अवैध खनन के दौरान दुर्घटना के आम बात है. दुर्घटना के बाद प्रबंधन अवैध सुरंगों की भरायी करता है, लेकिन अवैध खनन का सिलसिला नहीं रुकता है. स्थानीय लोगों के अनुसार सोमवार सुबह छह बजे बोडिरा खदान के एक अवैध रूप से बने सुरंग में कुछ लोग कोयला काट रहे थे. अचानक से चाल धंस गया और 17 नंबर वार्ड के लालबाजार घाटी मोड़ इलाके का 40 वर्षीय एक व्यक्ति उसमें फंस गया और गंभीर रूप से घायल हो गया. तुरंत उसके साथियों ने उसे किसी तरह वहां से निकाला और बोडिरा रोड पर ही स्थित एक निजी क्लिनिक में दाखिल कराया. जहां करीब साढ़े चार घंटा तक चिकित्सक ने उसका इलाज किया, स्थिति में कोई सुधार नहीं होता देख उसे बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया. परिजन जब उसे क्लिनिक से दूसरे अस्पताल ले जा रहे थे, उसी दौरान उसकी मौत हो गयी. परिजनों ने चिकित्सक पर आरोप लगाया कि जब इलाज समझ में नहीं आ रहा था तो साढ़े चार घंटा मरीज को क्यों रोक कर रखा? अवैध कोयला कारोबारी भी वहां पहुंचे और स्थिति को शांत कराया. दो लाख रुपये मुआवजा भुगतान पर सहमति बनी. पहली बार गया था कोयला खनन करने, हादसे में हो गयी मौत स्थानीय सूत्रों के अनुसार बोडिरा खदान में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में लोग कोयला काटने और निकालने के लिए उतरते हैं. स्थानीय माफियाओं की मिलीभगत से यहां कोयले का यह अवैध कारोबार चलता है. रविवार को चाल धंसने की घटना में घायल हुआ युवक पहली बार कोयला काटने आया था. अपना काम पूरा करने के बाद भी अतिरिक्त पैसे की लालच में आकर अंतिम खेप कोयला काटने के लिये सुरंग में घुस गया और दुर्घटना का शिकार हो गया.

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