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भागवत् कथा के श्रवण से होती है मोक्ष की प्राप्ति
जामुड़िया : जामुड़िया बाइपास महर्षि संतसेवी आश्रम में आयोजित श्रीमद्भागवत् कथा ज्ञान यज्ञ के छठवें दिन गया से पधारे कथा वाचक डॉ मनोहर मिश्र ने कहा िक भागवत के पांच अक्षर में जीवन दर्शन की प्राप्ति होती है. भ का अभिप्राय भक्ति से है. आ से आस्था, ग से ज्ञान, व से वैराग्य तथा त […]
जामुड़िया : जामुड़िया बाइपास महर्षि संतसेवी आश्रम में आयोजित श्रीमद्भागवत् कथा ज्ञान यज्ञ के छठवें दिन गया से पधारे कथा वाचक डॉ मनोहर मिश्र ने कहा िक भागवत के पांच अक्षर में जीवन दर्शन की प्राप्ति होती है. भ का अभिप्राय भक्ति से है. आ से आस्था, ग से ज्ञान, व से वैराग्य तथा त से त्याग होता है. अर्थात् व्यक्ति को जीवन में आस्था के साथ भक्ति कर ज्ञान प्राप्ति करना चािहये. प्राप्त ज्ञान को वैराग्य तथा त्याग के साथ प्रदान करें. भागवत् के श्रवण से मोक्ष की प्राप्ति होती है. मोक्ष दो अक्षरों से मिलकर बना है. इसका मतलब मोह का श्रय होना है.
डॉ मिश्र ने विदुर नीति प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि विदुर ने नीतिगत जीवन के िलये दुर्योधन का राजपाट छोड़कर जंगल में शरण लिया. उन्होंने मनुष्य को सत्य मार्ग से कभी विचलित न होने का संदेश अपनी नीति से िदया.
भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में रोजाना भारी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. कथा प्रवचन के साथ-साथ बीच-बीच में भजनों के साथ भागवत् का दृश्य श्रोताओं का मन मोह ले रहा है. इसे सफल बनाने में आयोजन मंडली सदस्य कन्हैया केसरी, भोलानाथ केसरी, सुरेश सिंघानिया, शंकर चौधरी, विश्वनाथ यादव, धनंजय पाठक सह अन्य सदस्यों की अहम भूमिका रही.
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