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बंद आज, टकराव की आशंका

आसनसोल. केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ विभिन्न केंद्रीय यूनियनों की राष्ट्रीय ट्रांसपोर्ट हड़ताल तथा राज्य में 92 शहरी शासी निकायों के चुनाव में धांधली, आतंक व कैप्चरिंग के खिलाफ वाममोर्चा व भाजपा के बंद के पक्ष व विपक्ष में बुधवार को आसनसोल शहर में अलग-अलग शक्ति प्रदर्शन किया गया. बंद समर्थकों ने जहां इसे […]

आसनसोल. केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ विभिन्न केंद्रीय यूनियनों की राष्ट्रीय ट्रांसपोर्ट हड़ताल तथा राज्य में 92 शहरी शासी निकायों के चुनाव में धांधली, आतंक व कैप्चरिंग के खिलाफ वाममोर्चा व भाजपा के बंद के पक्ष व विपक्ष में बुधवार को आसनसोल शहर में अलग-अलग शक्ति प्रदर्शन किया गया. बंद समर्थकों ने जहां इसे पूरी तरह से सफल करने का संकल्प दुहराया वहीं तृणमूल नेताओं ने बंद को विकास में बाधक बताते हुए इसके विरोध की घोषणा की.
हड़ताल के समर्थन में बर्नपुर में रैली
बर्नपुर. आगामी 30 अप्रैल को तृणमूल कांग्रेस की चुनावी धांधली के खिलाफ वामफ्रंट द्वारा बुलायी गयी हड़ताल के समर्थन में बुधवार को वामफ्रंट कर्मियों ने बारी मैदान से विशाल रैली निकाली. रैली बारी मैदान से निकलकर स्टेशन रोड, त्रिवेणी मोड़, अप्पा रोड, बर्नपुर पोस्ट आफिस होती हुई पुन: बारी मैदान पहुंची. रैली के दौरान वामफ्रंट समर्थकों ने हड़ताल को सफल बनाने के लिये लोगों से आह्वान किया.
रैली में माकपा नेता अशोक मुखर्जी, सज्जन सिंह रंधावा, चंदन मिश्र, पिंटू गांगुली, पूर्व पार्षद प्रीति मजूमदार, मीना लाहिरी, सुबोध सिंह आदि उपस्थित थे.
हड़ताल के खिलाफ की नुक्क ड़सभाएं
बर्नपुर. 30 अप्रैल को वामफ्रंट व भाजपा द्वारा बुलायी गयी आम हड़ताल के विरोध में तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को जगह-जगह नुक्क ड़सभा कर इसक ेविरोध की अपील की. त्रिवेणी मोड़ में आयोजित सभा को तृणमूल नेता अमित सेन ने संबोधित किया. पुरानाहाट मोड़ पर आयोजित सभा में महिला तृणमूल की सोना गुप्ता, पूर्व एमएमआईसी लखन ठाकुर,बोरो पांच के पूर्व चेयरमैन भरत दास, पूर्व एमएमआइसी अभिजीत घटक, प्रबोध राय, विनोद यादव आदि उपस्थित थे. बर्नपुर बस स्टैंड में आयोजित सभा में मोहम्मद शमीम खान उर्फ बांके, उत्पल सेन,बंकिम चटर्जी,अबु कनेन सद्दाम, उत्पल सिन्हा आदि उपस्थित थे.
तृणमूल ने निकाली बंद विरोधी रैली शहर में
आसनसोल. आगामी 30 अप्रैल को विभिन्न केंद्रीय यूनियनों की राष्ट्रीय हड़ताल, वामफ्रंट व भाजपा के पश्चिम बंगाल बंद के खिलाफ बुधवार को तृणमूल कांग्रेस के कर्मियों तथा समर्थकों ने स्थानीय कोलकाता बाजार के समीप से रैली निकाली. यह जीटी रोड से गुजरने के क्रम में नगर निगम कार्यालय मोड़, बस्तीन बाजार, हॉटन रोड मोड़ होती हुई सिटी बस स्टैंड में पहुंच कर सभा में तब्दील हो गयी. इसका नेतृत्व नगर निगम के पूर्व चेयरमैन जितेंद्र तिवारी, पूर्व एमएमएआइसी अभिजीत घटक, पूर्व बोरो चेयरमैन प्रबाल बोस, गुरुदास चटर्जी, राजू अहलुवालिया, राजा बागची, उत्पल सेन, उत्पल सिन्हा, कविता दास, श्रवणी मंडल आदि ने किया. सिटी बस स्टैंड में सभा को संबोधित करते हुए पूर्व चेयरमैन श्री तिवारी ने कहा कि बंद पूरी तरह से राजनीतिक है तथा इसका आम लोगों के हित से कुछ लेना-देना नहीं है. बंद से आम जनता को काफी परेशानी होती है.
कुछ पार्टियां वाहन कर्मियों के हित की बात कर रही हैं, लेकिन इतने दिनों तक उन्हें वाहनकर्मियों के हितों की याद क्यों नहीं आई? तृणमूल सरकार ने वाहन कर्मियों के हित में जितना काम किया है, उतना किसी भी अन्य सरकार ने नहीं किया है. पांच लाख रुपये तक वाहन कर्मियों को मुआवजा इसी तृणमूल सरकार ने दिलाया है. बस कर्मियों के लिए बोनस, रिटायरमेंट का लाभ आदि तृणमूल ने ही दिलाया है और जो लोग वर्षो से इन श्रमिकों का शोषण करते आये हैं , उनके हित की बात कह रहे हैं.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले से ही कहती रही है कि राज्य में हो रहे विकास के विरोध में माकपा और भाजपा में तालमेल हो गया है. चुनाव के समय भी इनमें तालमेल था. लेकिन शहरी चुनावों में जनता ने इन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया. इस स्थिति में दोनों पार्टियां एक साथ आकर बंद बुला रही है. लेकिन जनता इस बंद को कोई समर्थन नहीं देगी. इससे आम जनता की परेशानी बढ़ जाती है. गुरुवार को बुलायी गयी बंद का कोई औचित्य नहीं है. इसलिए हर स्तर पर बंद का जोरदार विरोध किया जायेगा.
आतंक, चुनावी धांधली का टूटा रिकॉर्ड
आसनसोल. आगामी 30 अप्रैल को विभिन्न केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की अखिल भारतीय ट्रांसपोर्ट हड़ताल तथा वामफ्रंट की 24 घंटों की आम हड़ताल के समर्थन में बुधवार को माकपा व उसके विभिन्न जन संगठनों ने गिरजा मोड़ से रैली निकाली गयी. रैली सिटी बस स्टैंड, नगर निगम कार्यालय मोड़, कोलकाता बाजार होती हुई टीजी क्लब के समीप पहुंच कर सभा में तब्दील हो गयी. इसका नेतृत्व माकपा के जोनल सचिव मनोज दास, पूर्व जोनल सचिव पार्थ मुखर्जी, पूर्व मेयर तापस राय, हेमंत सरकार, जयराम प्रसाद, श्यामल चक्रवर्ती, जयदीप मुखर्जी आदि ने किया.
रैली में शामिल कर्मियों व समर्थकों को संबोधित करते हुये पार्टी व जन संगठनों के नेताओं ने कहा कि नगर निगम तथा नगरपालिका चुनावों में लोकतंत्र की हत्या की गयी है. इन चुनावों में इतने बड़े स्तर पर चुनावी धांधली पहले कभी नहीं हुई. मतदान से पहले ही पूरे इलाके में आतंक का माहौल बनाया गया. विपक्षी कर्मियों खास कर वामपंथी कर्मियों पर हमला किया गया. उन्हें झूठे मुकदमों में फंसा कर जेल भेजा गया.
एक दिन पहले से ही मतदाताओं को धमकी दी जाने लगी. अपराधियों ने बूथ कब्जा कर लिया. बूथों से एजेंटों व मतदाताओं को खदेड़ दिया गया. राज्य चुनाव आयोग की भूमिका सवालों के घेरे में रही. पुलिस ने कार्रवाई करने के बजाय तृणमूल की लठैत के रूप में ही कार्य किया. इससे राज्य की छवि शर्मनाक हो गयी है. उन्होमने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है. पुलिस के साथ मिल कर सत्तापक्ष के कार्यकर्ताओं को आतंक फैलाने की खुली छूट मिली है. राज्य में नारी उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ रही हैं. इसके खिलाफ प्रतिवाद जरूरी है.

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