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सुरक्षा को ताक पर रख कर हुई राजनीति
रानीगंज : मंत्री बाबुल सुप्रियो व तृणमूल नेताओं की प्रतिष्ठा की लड़ाई में शुक्रवार को जेकेनगर हाइ स्कूल में मंत्री की सुरक्षा खुद खतरे में पड़ गयी थी. जिस तरह स्कूल परिसर में जमावड़ा हुआ था, उस स्थिति में स्थिति अनियंत्रित होने पर पुलिस अधिकारियों के लिए उस संभालना मुश्किल हो जाता. यह स्थिति तब […]
रानीगंज : मंत्री बाबुल सुप्रियो व तृणमूल नेताओं की प्रतिष्ठा की लड़ाई में शुक्रवार को जेकेनगर हाइ स्कूल में मंत्री की सुरक्षा खुद खतरे में पड़ गयी थी.
जिस तरह स्कूल परिसर में जमावड़ा हुआ था, उस स्थिति में स्थिति अनियंत्रित होने पर पुलिस अधिकारियों के लिए उस संभालना मुश्किल हो जाता. यह स्थिति तब है जब इसी सप्ताह तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी के मंच पर चढ़ कर उनकी पिटाई कर दी गयी. लेकिन आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमीश्नरेट के अधिकारी इससे कुछ भी सबक नहीं ले रहे हैं.
प्रशासन की नहीं ली मदद
मंत्री श्री सुप्रियो शुक्र वार को क्षेत्र के पांच स्कूलों के दौरे पर थे. इनमें से एक जेके नगर हाइ स्कूल कमेटी ने उन्हें आने से मना कर दिया था. इसके बाद भी वे उस स्कूल के भ्रमण पर गये. कमेटी के सचिव तृणमूल नेता अभय उपाध्याय हैं. इसके पहले भी मोहिशिला स्कूल में उन्हें प्रवेश करने की इजाजत नहीं मिली थी.
केंद्रीय मंत्री होने के बाद भी श्री सुप्रियो ने इस स्कूल के दौरे की पूर्व सूचना किसी भी प्रशासनिक अधिकारी को नहीं दी. सीधे स्कूल गेट के पास चले गये. स्कूल सचिव श्री उपाध्याय के साथ विवाद करते हुए स्कूल परिसर में घुसे और दो कूड़ेदान रख कर बाहर निकल गये. स्कूल सचिव श्री उपाध्याय का कहना है कि उनके आने से छात्रों का पठन-पाठन बाधित हुआ. स्थिति इतनी अराजक हो गयी कि स्कूल में छुट्टी की घोषणा करनी पड़ी. जबकि श्री सुप्रियो का कहना है कि जिस समय वे स्कूल परिसर में घुसे उस समय मिड डे मील का समय था और बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं हुई.
राजनीतिक प्रतिष्ठा बनाना गलत
तृणमूल के बर्दवान जिला (औद्योगिक) के कार्यकारी अध्यक्ष वी शिवदासन उर्फ दासू ने कहा कि केंद्रीय मंत्री को कमेटी की मनाही के बाद स्कूल परिसर मे नहीं जाना चाहिए था. यदि उन्हें जाना था तो प्रशासनिक अधिकारियों या फिर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के हस्तक्षेप से जाना चाहिए था. इस स्थिति में उनके दौरे का कोई औचित्य नजर आता. लेकिन उन्होंने इसे राजनीतिक प्रतिष्ठा का मुद्दा बना लिया. उन्होंने कहा कि तृणमूल नेताओं को भी उन्हें नहीं रोकना चाहिए था. स्कूल परिसर में जाने का अधिकार केंद्रीय मंत्री को मिलना चाहिए. शनिवार को इस मुद्दे पर वरीय नेताओं के साथ बैठक कर रणनीति तय की जायेगी.
मंत्री की भूमिका की जांच हो
आसनसोल नगर निगम के पूर्व चेयरमैन जितेंद्र तिवारी ने कहा कि स्कूल कमेटी ने पहले ही उन्हें मना करते हुए अपनी विवशता जता दी थी. उनसे स्कूल की लाइब्रेरी के लिए राशि की भी मांग की गयी थी. लेकिन उन्होंने इस आग्रह को स्वीकार नहीं किया. स्कूल कमेटी को नीचा दिखाने के लिए उन्होंने बवपूर्वक स्कूल परिसर में प्रवेश किया तथा बच्चों की चल रही पढ़ाई को बाधित किया. पुलिस-प्रशासन व जनता को तय करना चाहिए कि क्या केंद्रीय मंत्री की यही भूमिका होनी चाहिए? उन्हें क्षेत्र के विकास के बजाय राजनीतिक प्रतिष्ठा को महत्व देना चाहिए?
बारी मैदान में शक्ति प्रदर्शन आज
पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत जेके नगर के बारी मैदान के पास शनिवार को तृणमूल के स्तर से आम सभा आयोजित की जायेगी. तृणमूल नेतृत्व ने पहले ही घोषणा कर रखई है कि भाजपा के प्रभाव को कम करने के लिए जिस-जिस स्थल पर भाजपा की सभा होगी, उसी स्थल पर उसके बाद तृणमूल की सभा होगी तथा उसमें भीड़ भाजपा की तुलना में अधिक होनी चाहिए. कुछ दिन पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने यहां आम सभा की थी. इसके जबाब में यह सभा होगी. इसे श्रम मंत्री मलय घटक, नगर निगम के प्रशासक तापस बनर्जी सहित पार्टी के कई वरीय नेता संबोधित करेंगे. इस घटनाक्रम का भी असर सभा पर पड़ने की संभावना जतायी जा रही है.
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