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माओवादियों के खिलाफ हो कड़ी से कड़ी कार्रवाई

शहीद की पत्नी पापिया माझी ने सरकार से लगायी गुहार आद्रा : छत्तीसगढ़ राज्य के सुकमा इलाके में मंगलवार शाम माओवादी हमले में पुरुलिया जिले के रघुनाथपुर थाना अंतर्गत लछीया गांव के रहने वाले कन्हाई माझी (28) शहीद हो गये थे. 2014 में अपने ग्रेजुएशन परीक्षा समाप्त कर देश के रक्षा के लिए सीआरपीएफ के […]

शहीद की पत्नी पापिया माझी ने सरकार से लगायी गुहार

आद्रा : छत्तीसगढ़ राज्य के सुकमा इलाके में मंगलवार शाम माओवादी हमले में पुरुलिया जिले के रघुनाथपुर थाना अंतर्गत लछीया गांव के रहने वाले कन्हाई माझी (28) शहीद हो गये थे. 2014 में अपने ग्रेजुएशन परीक्षा समाप्त कर देश के रक्षा के लिए सीआरपीएफ के 208 कोबरा गिरोह में शामिल हुए थे कन्हाई माझी.
कन्हाई के पिता दिलीप माझी किसान हैं. मां-बाप का एकमात्र संतान कन्हाई माझी पूरे गांव के ही दुलारे थे. मंगलवार रात पुलिस द्वारा जैसे ही माओवादी हमले में उनका निधन की खबर गांव पहुंचा तो पूरे गांव में मातम छा गया. चार वर्ष पहले कन्हाई का विवाह पापिया माझी से हुआ था और उनकी दो पुत्रियां हैं.
इनमें से एक की उम्र ढाई साल व छोटी पुत्री की उम्र एक महीने की है. मंगलवार भी अन्य दिनों की तरह पापिया से कन्हाई ने बातचीत कर अपने दोनों बेटियों की खबर लिया था और कहा था जल्दी घर लौट कर आऊंगा. बुधवार पूरे गांव में मातम छाया हुआ था प्रशासनिक अधिकारी से लेकर सीआरपीएफ के बड़े-बड़े अधिकारी राजनीतिक दल के नेता सांत्वना देने कन्हाई के घर पहुंचे. पर सभी से कन्हाई की पत्नी पापिया ने एक ही गुहार लगा रही थी.
मेरे पति को जिस तरह से माओवादियों ने कायरता पूर्वक हमला कर हत्या किया है, सरकार को उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी होगी. नहीं वह खुद जाकर माओवादियों से अपने सुहाग का बदला लेगी. साथ साथ उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को उनके सेना के प्रति और भी जागरूक होना होगा. सभी को पूरी तरह से बुलेट प्रूफ जैकेट प्रदान करनी होगी ताकि किसी को माओवादी आतंकवादी के गोली में शहीद नहीं होना पड़े.
सेना को अत्याधुनिक अस्पताल बनानी होगी ताकि इलाज के बगैर किसी की मौत ना हो. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने पति से नौकरी छोड़ने को कहा था, पर उन्होंने कहा कि भारत मां की रक्षा के लिए मैं गोली खा सकता हूं यह नौकरी नहीं छोडूंगा. भारत मां की रक्षा के लिए मैं हमेशा कार्य करता रहूंगा और अंत में भारत मां की रक्षा के लिए उसने अपना प्राण दे दिया.
सरकार से अनुरोध है कि सरकार उसके शहादत को सही मर्यादा प्रदान करें. सीआरपीएफ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से हेलीकॉप्टर द्वारा कन्हाई का शव रांची लाया गया जहां सीआरपीएफ द्वारा उसे सलामी प्रदान की गई एवं वहां से सड़क मार्ग द्वारा शहीद के शव को लक्षीया गांव लाया गया, जहां पूरे मर्यादा के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा.

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