आसनसोल : नगर निगम के वार्ड संख्या 85 अंतर्गत प्रशासनिक सफाई व्यवस्था को लेकर लोगों में भारी नाराजगी है. कूड़ेदान की कमी के कारण हर क्षेत्र में गंदगी की भरमार है. पार्षद शिवदास चटर्जी ने कहा कि नगर निगम से प्राप्त संसाधनों का बेहतर उपयोग कर इलाके में सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने का कार्य किया जा रहा है. 25 हजार की आबादी वाले इस वार्ड में सिर्फ 13 सफाई कर्मी हैं. ऐसे में हर क्षेत्र को साफ रखना चुनौती भरा कार्य है.
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वार्ड संख्या 85 में 25 हजार की आबादी पर मात्र 13 सफाईकर्मी
आसनसोल : नगर निगम के वार्ड संख्या 85 अंतर्गत प्रशासनिक सफाई व्यवस्था को लेकर लोगों में भारी नाराजगी है. कूड़ेदान की कमी के कारण हर क्षेत्र में गंदगी की भरमार है. पार्षद शिवदास चटर्जी ने कहा कि नगर निगम से प्राप्त संसाधनों का बेहतर उपयोग कर इलाके में सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने का कार्य किया […]
आंखों देखी
वार्ड संख्या 85 अंतर्गत खजुरतला, खुदीराम मोड़, मोहिशीला मोड़ संलग्न इलाकों में सफाइ की व्यवस्था दयनीय है. कूड़ेदान के अभाव में लोग घरों के सामने ही खाली जमीन पर कचड़ा फेंक रहे हैं. नियमित सफाई नहीं होने से इलाके में जहां तहां कचरे की भरमार है. नालियां जाम पड़ी है. ओवरफ्लो होकर पानी बाहर बह रहा है. शाम होते ही मच्छरों का आतंक बढ़ जाता है. कीटनाशक एवं ब्लीचिंग का छिड़काव नहीं होने से मच्छरजनित बीमारी फैलने की आशंका बनी हुई है.
क्या कहते हैं पार्षद?
वार्ड संख्या 85 के पार्षद शिवदास चटर्जी ने कहा कि वार्ड में 25 हजार जनसंख्या पर मात्र 13 सफाई कर्मी होने से सभी इलाकों में पूरी तरह से सफाई व्यवस्था बनाये रखना चुनौती भरा कार्य है. निगम मुख्यालय से उपलब्ध संसाधनों एवं सफाई कर्मियों से वार्ड के प्रत्येक इलाके में बेहतर सफाई करने का प्रयास किया जाता है. इतनी बड़ी जनसंख्या वाले वार्ड के प्रत्येक इलाके में संपूर्ण सफाई के लिए न्यूनतम 200 सफाई कर्मियों की जरूरत है.
क्या कहते हैं स्थानीय नागरिक?
खुदीराम मोड़ निवासी सैकत दास गुप्ता ने कहा कि इलाके में नियमित सफाई नहीं होने से जगह-जगह गंदगी पसरी है. सफाई कर्मी नियमित सफाई नहीं करते हैं. इलाके में कूड़ेदान नहीं होने से लोगों को घरों का कूड़ा फेंकने में परेशानी होती है. लोग अपने घर का कूड़ा जहां-तहां फेंकने को मजबूर हैं.
खुदीराम मोड़ इलाके की निवासी लक्ष्मी रॉय ने कहा कि इलाके के नालियों की नियमित सफाई नहीं होने से वहां रहने वाले लोगों का जीना कठिन हो जाता है. बरसात में गंदगी और सड़ान के दुर्गंध से गुजरने वाले लोग अपने नाक बंद कर गुजरने को मजबूर होते हैं. प्रशासन की ओर से सफाई व्यवस्था को लेकर उदासीनता लोगों के लिए समस्या का कारण बन गया है.
खजूरतला निवासी सत्यरंजन राय ने कहा कि नालियों में कीटनाशक का छिड़काव नियमित नहीं होता है. नालियों की भी नियमित सफाई नहीं होने से मच्छरजनित रोगों का भय बना रहता है. स्थानीय लोग अपनी सुरक्षा को लेकर खुद ही नालियों को साफ करते हैं और फिनाइल का छिड़काव करते है.
खजुरतला निवासी सोभन दास ने कहा कि इलाके में ब्लीचिंग पावडर और कीटनाशक का नियमित छिड़काव नहीं होने से मच्छरों के आतंक से लोग परेशान हैं.संक्रामक बीमारी फैलने का का खतरा बना हुआ है. शाम होते ही इलाके में मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है. मच्छरों को मारने के लिए फॉगिंग मशीन उपयोग नहीं किया जाता है. सफाई कर्मी नागरिकों के सुझावों को तवज्जो नहीं देते हैं. अपने हिसाब से जैसे-तैसे कार्य करके चले जाते है. जिससे इलाके में गंदगी का माहौल बना हुआ है.
खजूरतला निवासी शिलादित्य राय चौधरी ने कहा कि कूड़ेदान नहीं होने से लोग अपने घरों का कूड़ा घर के पास ही खाली जमीन पर फेंकने को मजबूर हैं. तेज हवा बहने से कूड़ा नजदीक रहने वालों के घर में चला आता है. जिससे आपसी विवाद होता है. पार्षद से कहने के बाद भी इलाके में कूड़ेदानों की व्यवस्था नहीं हुई.
खुदीराम मोड़ इलाके के निवासी अविनाश बनर्जी ने कहा कि इलाके में कूड़ेदान नहीं होने और सफाई कर्मियों का नियमित सफाई न करने से इलाके में चारों ओर गंदगी फैली है. इलाके में पर्याप्त कूड़ेदान नहीं होना गंदगी फैलने का मुख्य कारण है.
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