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भारत संगीत उत्सव में नृत्य-संगीत ने समां बांधा

बर्दवान-पानागढ़ : 22वां अंतरराष्ट्रीय भारतीय संगीत व नृत्य उत्सव 20 दिसंबर से शुरू हुआ. यह समारोह 24 दिसंबर तक चलेगा. हिंदुस्तान आर्ट एंड म्युजिक सोसाइटी व अंतरा संगीत विद्यालय के तत्वावधान में भारत संस्कृति उत्सव टाउन हॉल ऑडिटेरियम में आयोजित हो रहा है. जहां अखिल भारतीय संगीत व नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. शास्त्रीय फाल्गुनी […]

बर्दवान-पानागढ़ : 22वां अंतरराष्ट्रीय भारतीय संगीत व नृत्य उत्सव 20 दिसंबर से शुरू हुआ. यह समारोह 24 दिसंबर तक चलेगा. हिंदुस्तान आर्ट एंड म्युजिक सोसाइटी व अंतरा संगीत विद्यालय के तत्वावधान में भारत संस्कृति उत्सव टाउन हॉल ऑडिटेरियम में आयोजित हो रहा है. जहां अखिल भारतीय संगीत व नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. शास्त्रीय फाल्गुनी राय ने प्रस्तुत किया.

कलाकार सत्यजीत पाल ने सितार वादन किया. टाउन हॉल मैदान में सुबह नौ बजे से संगीत व नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. समारोह में कल्याण बनर्जी की अगुवाई में सामूहिक संगीत पेश किया गया. शुभश्री बोस व नंदिनी दत्ता के निर्देशन में भी कार्यक्रम पेश किया गया. श्रोतश्विनी दे ने एकल नजरूल गीत पेश किया. लोक संगीत में रत्तना भट्टाचार्य ने आधुनिक गीत पेश कर लोगों का मन मोहा.
वहीं पार्थ चटर्जी ने कविता पाठ किया. इसके अलावा सामूहिक नृत्य संचयिता मुंशी, मधुरिमा गोस्वामी के निर्देशन में अंकिता बसु दत्ता, अन्नया घोष, मौसमी चटर्जी ने ताल में ताल मिलाकर सामूहिक नृत्य पेश कर समां बांध दिया. पूरे समारोह का संचालन उत्तम बनर्जी, रीता घोष, ऋषि गोपाल मंडल व शतभिषक चटर्जी की देखरेख में हुआ. प्रभात खबर इस कार्यक्रम का मीडिया पार्टनर है. समारोह के दौरान लोगों की अच्छी-खासी भीड़ देखी गयी.
टाउन हॉल में हो रहे उत्सव का पहला हिस्सा बर्दवान में 20 दिसंबर को रामकृष्ण मिशन के अग्नानंद महाराज के साथ दीप प्रज्ज्वलित करते हुए भव्य उद्घाटन हुआ था. उद्घाटन समारोह के आमंत्रित सदस्यों में मंत्री मलय घटक, सुनील कर , नरगिस बेगम और अन्य प्रसिद्ध हस्तियां जैसे शंपा धर, पूर्ब बर्दवान जिला परिषद की अध्यक्ष और पूर्व बर्दवान जिला परिषद के उपाध्यक्ष देबू टुडू आदि प्रतिष्ठित गणमान्य लोग शामिल थे
संबंधित क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए अर्चना डे, मणिक मजूमदार, श्यामलाल बैरन साहा, अरूप घोष, रीना दास, सियामोल रॉय, रायचंद सुराणा, श्रीमती कमल सरकार और अपराजिता सक्सेना का सम्मान किया गया. भारत संस्कृत उत्सव के सचिव पं. प्रोसेनजीत पोद्दार ने कहा कि महोत्सव का प्राथमिक उद्देश्य युवा पीढ़ी के बीच कला और संगीत की समृद्ध संस्कृति को बढ़ावा देना है. नतीजतन, आयोजकों ने इस वर्ष से प्रत्येक क्षेत्र में उच्चतम अंक प्राप्त करने वाले प्रतियोगिता के शीर्ष उम्मीदवारों को छात्रवृत्ति प्रदान करने का निर्णय लिया है.

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