मई-जून में जल स्तर होता है सबसे न्यूनतम स्तर पर
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घटता भूमिगत जल स्तर की स्थिति भयावह
मई-जून में जल स्तर होता है सबसे न्यूनतम स्तर पर सांकतोड़िया : ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (इसीएल) के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक (सीएमडी) प्रेमसागर मिश्रा ने गिरते भूमिगत जल स्तर तथा जल संकट को देखते हुए जल संरक्षण की दिशा में रेन वाटर हार्वेस्टिंग संरचना अपनाने पर बल दिया. रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के विभिन्न पहलुओं के […]
सांकतोड़िया : ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (इसीएल) के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक (सीएमडी) प्रेमसागर मिश्रा ने गिरते भूमिगत जल स्तर तथा जल संकट को देखते हुए जल संरक्षण की दिशा में रेन वाटर हार्वेस्टिंग संरचना अपनाने पर बल दिया. रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी. शुक्रवार को विशेष भेंट में उन्होंने कहा कि समय रहते पहल नहीं होने पर स्थिति काफी विकट हो जायेगी. सीएमडी श्री मिश्रा ने कहा कि समय के साथ-साथ पानी का स्तर नीचे जा रहा है.
मार्च एवं जून महीने में पानी का स्तर इतना अधिक नीचे चला जाता है कि जल संकट हो जाता है. कई स्थान पर हैंडपंप, कुएं, तालाब आदि पानी के स्त्रोत सूख गए हैं. जनसंख्या में वृद्धि से पानी की खपत, वृक्षों की कटाई, कंक्रीटीकरण, औद्योगिकीकरण तथा पानी की बर्बादी से जल संकट का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि पानी की समस्या बड़ी समस्या है, इससे निपटने के लिए अभी से ठोस तैयारी शुरू कर देनी चाहिए नहीं तो न सिर्फ आनेवाली पीढ़ी भी पानी के लिए तरसेगी. उन्होंने बताया कि ढाई फीसदी पानी की उपलब्धता पृथ्वी में है, जिसमें से प्वाइंट तीन फीसदी पानी धरती में मानव, प्राणी तथा अन्य के लिए है.
बहुत कम पानी के बीच जल संरक्षण की दिशा में कठोर कदम नहीं उठाते हैं, तो परिणाम भयावह होंगे. उन्होंने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम घरों, भवनों में लगाने के लिए आवश्यक तकनीकी पहलुओं को बताया. सरफेस वाटर एवं छत के पानी को पाइप के माध्यम से इकट्ठा कर इसका उपयोग घरों में पीने के अतिरिक्त पौधों के लिए, दैनिक उपयोगों के लिए कर सकते हैं.
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