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नयी दिल्ली : ई-कॉमर्स साइट को बड़ा झटका, ऑनलाइन दवा बिक्री पर सरकार ने लगायी रोक

नयी दिल्ली : सरकार ने देश में ई-कॉर्मस साइट पर हो रही दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगा दी है. गौर करने वाली बात यह है कि यह रोक देशभर में लगायी गयी है. ऐसे में देश के किसी भी कोने में ई-कॉर्मस साइट्स जैसे 1एमजी जैसी कंपनियां दवाएं नहीं बेच पायेंगी. बता दें […]

नयी दिल्ली : सरकार ने देश में ई-कॉर्मस साइट पर हो रही दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगा दी है. गौर करने वाली बात यह है कि यह रोक देशभर में लगायी गयी है. ऐसे में देश के किसी भी कोने में ई-कॉर्मस साइट्स जैसे 1एमजी जैसी कंपनियां दवाएं नहीं बेच पायेंगी. बता दें कि पहले मद्रास हाईकोर्ट ने दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगायी थी और उसके बाद अब दिल्ली हाईकोर्ट ने भी दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगा दी है.
दिल्ली हाइकोर्ट में चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस वीके रॉय की खंडपीड ने एक पीआइएल पर सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया. कोर्ट में डर्मेटोलॉजिस्ट जहीर अहमद ने तर्क देते हुए कहा कि ई-कॉमर्स साइट पर डॉक्टरों की अनुमति के बिना रोज लाखों रुपये की लाखों दवाएं बेची जा रही हैं जो कि देशभर के मरीजों के लिए खतरे की घंटी है और साथ ही देश के डॉक्टर्स की साख के लिए भी यह ठीक नहीं है.
दरअसल ऑनलाइन दवाओं की बिक्री को लेकर एक दिक्कत है कि यहां से कोई भी किसी भी प्रकार की दवा को खरीद सकता है. ऐसे में उसे नुकसान भी हो सकता है. साथ ही ऑनलाइन दवा बेचने वाली कंपनियां किसी नियम-कानून का पालन भी नहीं करती हैं. देश भर में पांच बड़ी कंपनियां है जो कि ऑनलाइन दवा का कारोबार करती हैं.
हालांकि इन सभी कंपनियों ने केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय से किसी तरह का लाइसेंस नहीं ले रखा है. अब दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा इन कंपनियों के कारोबार करने से रोक लगा देने पर 1500 करोड़ से ज्यादा की चपत लगने की संभावना है.
इन कंपनियों में हो रहा था बड़ा निवेश
पिछले पांच सालों में इन कंपनियों का कारोबार काफी तेजी से बढ़ा था. इससे इन सभी कंपनियों में काफी निवेश हो रहा था. मेडलाइफ, 1 एमजी, फॉर्मईजी, नेटमेड्स, मिरा और अपोलो फॉर्मेसी देश की पांच बड़ी ऑनलाइन दवा कंपनियां हैं. नेटमेड्स के सीइओ प्रदीप दाड़ा के अनुसार 2016-17 और 2017-18 में कंपनी की बिक्री में तीन गुणा से ज्यादा का इजाफा देखने को मिला.
कंपनी के पास फिलहाल 2 करोड़ से ज्यादा रजिस्टर्ड यूजर्स हैं, जिसमें से एक करोड़ लोग हर महीने दवाइयों का ऑर्डर करते हैं. वहीं बंगलूरू की कंपनी मिरा के फाउंडर व सीइओ फैजान अजीज के मुताबिक उनकी वेबसाइट और ऐप पर रोजाना 7 हजार से अधिक ऑर्डर होते हैं. फार्मईजी की बिक्री में 300 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है.
25 फीसदी नकली दवाइयों की बिक्री
फिक्की की एक रिपोर्ट के अनुसार देश भर में 25 फीसदी से ज्यादा दवाइयां नकली बिकती हैं. इस पर फिलहाल किसी तरह की रोक नहीं लग पा रही है. हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से काफी कड़े कानून नकली दवा की बिक्री पर रोक लगाने के लिए बनाये गये हैं, लेकिन इनका असर न के बराबर है.
ऑनलाइन दवा कारोबार को नियमित करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने सितंबर में नियमों को लेकर एक प्रस्ताव तैयार किया था. इन नियमों के मुताबिक कंपनियों को रजिस्ट्रेशन कराने के लिए 50 हजार रुपये देने होंगे और आइटी एक्ट 2000 के कानून का पालन भी करना होगा.

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