21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कोयला अधिकारियों, कर्मचारियों को प्रबंधन के स्तर से भारी राहत, लीव इनकैशमेंट बंदी ठंडे बस्ते में

सांकतोड़िया : कोयला अधिकारियों एवं कर्मियों के लीव इनकैशमेंट बंद करने की योजना को सीआइएल प्रबंधन अमलीजामा नहीं पहना सका. संडे ड्यूटी देने पर स्वीकृति देने के बाद प्रबंधन बैकफुट पर आ गया और लीव इनकैशमेंट पर लिए गए निर्णय को ठंडे बस्ते में डाल दिया. इससे कर्मियों ने राहत की सांस ली है. ईसीएल […]

सांकतोड़िया : कोयला अधिकारियों एवं कर्मियों के लीव इनकैशमेंट बंद करने की योजना को सीआइएल प्रबंधन अमलीजामा नहीं पहना सका. संडे ड्यूटी देने पर स्वीकृति देने के बाद प्रबंधन बैकफुट पर आ गया और लीव इनकैशमेंट पर लिए गए निर्णय को ठंडे बस्ते में डाल दिया. इससे कर्मियों ने राहत की सांस ली है.
ईसीएल समेत सीआइएल की सभी अनुषांगिक कंपनी में कार्यरत लगभग तीन लाख अधिकारी-कर्मचारियों को प्रत्येक वर्ष अवकाश मिलता है. अवकाश नहीं लेने पर नकद राशि प्रदान की जाती है. कई अधिकारी व कर्मचारी इसका फायदा भी उठाते हैं. प्रबंधन ने अब इसे भी बंद करने की तैयारी शुरू कर दी है. प्रबंधन के अनुसार अधिकारी 90 फीसदी तक लीव बेच देते हैं.
इससे कंपनी को आर्थिक क्षति होती है. इस भुगतान पर कैग ने आपत्ति की थी. लीव इनकैशमेंट को बंद करने का निर्णय कोल इंडिया बोर्ड की बैठक में लिया गया, पर प्रबंधन ने पहले संडे ड्यूटी और ओवर टाइम पर पाबंदी लगाने का आदेश जारी कर दिया. इससे कर्मियों को पांच से 10 हजार रुपये प्रतिमाह का नुकसान होने लगा. कर्मियों के लगातार विरोध के बाद प्रबंधन को आखिरकार बैकफुट पर आना पड़ा और अपना आदेश वापस लेना पड़ा.
इसके बाद प्रबंधन ने लीव इनकैशमेंट का मामला भी ठंडे बस्ते में डाल दिया. कोयला अधिकारियों को वर्ष में 60 दिन का रेगुलर लीव इनकैशमेंट का लाभ मिलता है. कर्मचारियों को साल में 15 दिन मिलता है. सेवानिवृत्त होने पर अधिकारियों को 450 दिन या अनलिमिटेड लीव इनकैशमेंट का लाभ मिलता था. इसे कम कर 300 दिन कर दिया गया है, वहीं कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति पर 1400 दिन व बैलेंस का भुगतान किया जाता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें