आसनसोल : माकपा नेता वामापद मुखर्जी के पुत्र सह सेल आईएसपी के ठेकेदार अर्पण मुखर्जी हत्याकांड के पांच वर्ष बाद जांच के लिए सीबीआई के निरीक्षक अनिल राय इलाके में पिछले दो दिनों से विभिन्न लोगों से पूछताछ कर रहे है.
स्थानीय पुलिस के बाद मामले में सीआईडी की जांच से असंतुष्ट श्री मुखर्जी ने अपने बेटे ही हत्या की जांच सीबीआई से कराने को लेकर कोलकाता उच्च न्यायालय में अपील की थी. इस अपील के आधार पर उच्च न्यायालय ने मामला जांच के लिए सीबीआई को एक वर्ष पूर्व सौंपा था. सीबीआई के अधिकारी समय समय पर इलाके में आकर इस मामले में तथ्य संग्रह करने का प्रयास कर रहे है. हालांकि कांड के पांच वर्ष बाद हत्याकांड के मामले में ठोस सबूत निकलना कठिन चुनौती का कार्य है. जिसे सीबीआई पूरा करने में जुटी है ।
सनद रहे कि नौ मई, 2013 को आसनसोल रासडांगा इलाके के निवासी व सेल आईएसपी के ठेकेदार अर्पण मुखर्जी की हत्या हीरापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बर्नपुर स्टेडियम स्पोटर्स हाउस के पास हुयी थी. वे सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए नियमित यहां जाते थे. अपराधियों ने इसी मौके का फायदा उठाया और नौ मई को मॉर्निंग वॉक के दौरान उन्हें गोलियों से भून दिया.
मौके पर ही उनकी मौत हो गयी. बाइक पर सवार दो अपराधी आसानी से वहां से निकल गये. स्थानीय पुलिस द्वारा मामले में अपराधियों को पकड़ने में विलम्ब होता देख मामले की जांच सीबीआई से कराने को लेकर अनेकों बार माकपा ने आंदोलन किया. राज्य सरकार ने मामले की जांच सीआईडी को सौप दी. सीआईडी द्वारा भी मामले का निपटारा करने में हो रहे विलम्ब को देखते हुए माकपा नेता श्री मुखर्जी ने मामले की जांच सीबीआई से कराने को लेकर उच्च न्यायालय में अपील की. उच्च न्यायालय ने एक वर्ष पूर्व मामले की जांच का दायित्व सीबीआई को दिया.
इस बीच सीबीआई के अधिकारी अनेकों बार इलाके में आये. श्री मुखर्जी के परिजन, इलाके के विभिन्न लोगों, पुलिस अधिकारी से भी पूछताछ की.
मंगलवार को पुनः सीबीआई के अधिकारी अनिल राय आसनसोल आये और विभिन्न लोगों से इस मामले में लगातार पूछताछ कर रहे हैं. सीबीआई सूत्रों के अनुसार जांच प्राथमिक स्तर पर है. मामले में लोगों से पूछताछ के बाद उनके बयान के आधार पर तथ्य संग्रह करने का प्रयास किया जा रहा है