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बैंक डकैती कांड में बैंक कर्मियों से पूछताछ
आसनसोल : इंडियन बैंक की आरके मिशन शाखा में 38 लाख रुपये की डकैती कांड में सीआईडी की डकैती, रॉबरी, बर्गलरी एंड थेफ्ट (डीआरबीटी) सेक्शन के अधिकारियों ने मंगलवार को बैंक कर्मियों से पूछताछ की. अधिकारी रिपीट इंट्रोगेशन के जरिये वह हर छोटी सी चीज को भी जानने का प्रयास कर रहे है जो सामान्य […]
आसनसोल : इंडियन बैंक की आरके मिशन शाखा में 38 लाख रुपये की डकैती कांड में सीआईडी की डकैती, रॉबरी, बर्गलरी एंड थेफ्ट (डीआरबीटी) सेक्शन के अधिकारियों ने मंगलवार को बैंक कर्मियों से पूछताछ की. अधिकारी रिपीट इंट्रोगेशन के जरिये वह हर छोटी सी चीज को भी जानने का प्रयास कर रहे है जो सामान्य पूछताछ के दौरान किसी कारण जानकारी नहीं मिल पाई थी.
रिपीट इंट्रोगेशन में यह बातें उभर कर आ जाती है. इसके साथ ही तकनीकी रूप से मामले के उद्भेदन के लिए कॉल डंपिंग का सहारा लिया जा रहा है. हालांकि प्राथमिक जांच में यह पुष्टि हो चुकी है कि अपराधियों ने कांड के दौरान मोबाईल का उपयोग नहीं किया गया था. लेकिन यदि उनका कोई साथी बाहर मोबाइल फोन का उपयोग कर रहा हो तो उसे ट्रेक किया जा सकता है.
इंडियन बैंक में डकैती कांड का सुराग ढूंढ़ने और मामले का जल्द से जल्द खुलासा कर अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए सीआईडी कोलकाता की टीम अपने स्तर से स्वतंत्र जांच कर रही है. यदि कोई जानकारी चाहिए होती है तो पुलिस का सहयोग ले रही है. मंगलवार सीआईडी के अधिकारी बैंक कर्मी, उस दिन बैंक ड्यूटी में तैनात कांस्टेबल, सिविक वोलेंटियर से रिपीट इंट्रोगेशन किया.
कॉल डंपिंग पद्धति का सहारा
बैंक डकैती के उद्धभेदन के लिए कॉल डंपिंग पद्धति का सहारा लिया जा रहा है. इस पद्धति में कांड के दौरान उस क्षेत्र में जितने भी मोबाइल नेटवर्क के टॉवर है, सभी टॉवरों के अंतर्गत जितने भी कॉल हुए है, सभी कॉलों को निकाल कर उसकी बारीकी से जांच की जायेगी. संदेह के आधार पर कुछ नम्बरों को चुना जायेगा. इसमें अधिकांश वे नम्बर होते है, जो कुछ क्षण के लिए ही बात किये होते है. उन नम्बरों का सीडीआर निकाला कर खंगाला जायेगा. इस प्रकार कॉल डंपिंग से अपराधी का सुराग मिलता है.
हालांकि प्राथमिक जांच में यह पता चला है कि अपराधियों ने मबाईल फोन का इस्तेमाल नहीं किया था. अपराधियों को पकड़ने में मोबाईल फोन की सबसे अहम भूमिका रहती है. इसलिए शातिर अपराधी किसी कांड को अंजाम देने में मोबाईल फोन के इस्तेमाल अब नहीं करते है. अपराधियों ने कांड के दौरान बैंक में बंधक बनाए गए सभी लोगों के मोबाईल को एक दराज में बंद कर दिया था. अगर वह मोबाइल भी वे अपने साथ ले गए होते तो उनके लोकेसन का पता चलता. सीआईडी के अधिकारी कुछ दिन आसनसोल में रूककर मामले की छानबीन करेंगे.
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