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भारत-बांग्लादेश मैत्री विश्व के लिए बनेगा प्रतिमान

शांतिनिकेतन को बांग्ला भवन के रूप में मिला एक और नायाब तोहफा मुकेश तिवारी शांतिनिकेतन : बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि भारत और बांग्लादेश एक साथ मिल कर हर समस्या का समाधान कर लेंगे. उन्होंने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में शांतिनिकेतन में बांग्लादेश भवन के […]

शांतिनिकेतन को बांग्ला भवन के रूप में मिला एक और नायाब तोहफा
मुकेश तिवारी
शांतिनिकेतन : बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि भारत और बांग्लादेश एक साथ मिल कर हर समस्या का समाधान कर लेंगे. उन्होंने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में शांतिनिकेतन में बांग्लादेश भवन के उद्घाटन के अवसर पर ये बातें कहीं.
श्रीमती हसीना ने कहा कि दोनों पड़ोसियों ने एक साथ कई समस्याओं का समाधान किया है और आशा है कि जो भी समस्याएंबाकी हैं, उनका समाधान आपसी बातचीत से किया जायेगा. उन्होंने कहा कि 1971 में भारत की मदद से बांग्लादेश ने स्वतंत्रता हासिल की थी.
भारत ने केवल 1971 में ही नहीं, बल्कि 1975 में भी बांग्लादेश की काफी मदद की थी. उन्होंने कहा कि छिटमहल की समस्या को दोनों देशों ने आपस में मिल कर समाधान किया था. यह विश्व के लिए एक उदाहरण है कि कैसे दो पड़ोसी देश अपनी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि हमारा एक ही शत्रु है, वह है दरिद्रता. भारत और बांग्लादेश को आपस में मिल कर दरिद्रता को खत्म करना होगा. भूखमरी पर विजय हासिल करनी होगी. उन्होंने कहा कि कभी बांग्लादेश में रवींद्र साहित्य पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. उसके खिलाफ बांग्लादेश के हर वर्ग ने आंदोलन किया था. आज हम स्वाधीन देश हैं तथा मुक्त रूप से हर तरह की चर्चा करते हैं.
कला व संस्कृति सभी पर चर्चा होती है. वास्तव में रवींद्रनाथ हमारे हृदय हैं. उन्होंने कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर ने अधिकांश समय बांग्लादेश में व्यतीत किया था. अधिकांश कविताएं वहीं पर लिखी. बांग्लादेश के शहजहांपुर में रवींद्रनाथ विश्वविद्यालय बनाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि वह चाहती हैं कि वे लोग मिल कर काम करेंगे. उन्होंने कहा कि फिलहाल 11 लाख रोहिंग्या बांग्लादेश में आश्रय लिये हुए हैं. मानवीय कारण से उन्हें आश्रय दिया गया है. उन्होंने कहा कि वह इस बाबत सहायता चाहते हैं, ताकि म्यांमार सरकार पर दबाव बने.
उन्होंने आंतरिक खुशी जताते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह के दौरान प्रधानमंत्री तथा कुलाधिपति नरेंद्र मोदी ने जिस तरह चमत्कारी वक्तव्य रखा वास्तविक रूप बहुत कुछ सीखने को मिला. विश्वभारती द्वारा मुझे डिलिट की उपाधि से नवाजा गया.
उन्होंने विश्व भारती शांतिनिकेतन में प्रकृति के बीच शिक्षा के पारंपरिक रूप को देख कर खुशी जतायी. विश्वभारती में बांग्लादेश भवन के निर्माण का प्रस्ताव काफी पहले से था. विश्व भारती का भरपूर सहयोग मिलने के कारण यहां पर बांग्लादेश भवन का निर्माण हो पाया है. शांतिनिकेतन की रूपरेखा के अनुसार ही उक्त भवन का निर्माण किया गया है.
शेख हसीना ने कहा कि रवींद्रनाथ केवल भारत के नहीं बल्कि बांग्लादेश के भी प्रिय कवि हैं. यदि कोई नजरुल की तरह रविंद्र भी हमारे आंतरिक हृदय के कवि हैं. नजरुल और रविंद्र के बीच एक कड़ी जुड़ी हुई है . उन्होंने कहा कि विकास मूलक देश के रूप में आज बांग्लादेश को स्वीकृति मिली है. उनके पिता के सपने को साकार करने के लिए बांग्लादेश का विकास निरंतर जारी है .
शांतिनिकेतन. विश्वभारती के दीक्षांत समारोह को संबोध्त करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हेलीकॉप्टर से उतरकर सीधे रविंद्र भवन पहुंचे.
वहां विजिटर बुक में अपना हस्ताक्षर किया. उदयन में कवि रविंद्र नाथ टैगोर के कमरे का दर्शन किया. उनके सौथ बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भी मौजूद थी. दोनों प्रधानमंत्री ने रविंद्र नाथ की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. हेलीपैड पर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री श्री मोदी का स्वागत किया. उन्हें शाल ओढ़ाया तथा पुष्पगुच्छ सौंपा. उन्होंने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना का भी स्वागत किया.
गुजरात से रिश्ते तलाशे कवि रवींद्रनाथ के
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कवि रवींद्र नाथ टैगोर के बड़े भाई सत्येंद्रनाथ टैगोर के गुजरात संपर्क की भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि सिविल सेवा से जुड़नेवाले पहले भारतीय सत्येंद्रनाथ टैगोर अहमदाबाद में तैनात थे. 17 साल की उम्र में विदेश जाने से पहले गुरुदेव ने छह महीने के लिए अपने भाई से ट्यूशन लिया. अहमदाबाद में रहने के दौरान उन्होंने एक उपन्यास लिखा और कई कविताएं लिखीं.
पानागढ़ एयर फोर्स के हवाई अड्डा पीएम का स्वागत: पश्चिम बर्दवान जिले के पानागढ़ स्थित एयर मार्शल अर्जन सिंह वायु सेना के एयरपोर्ट पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्लेन उतरा. इस दौरान एयरपोर्ट पर राज्य के मंत्री मलय घटक समेत अन्य एयरफोर्स के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया. इस दौरान राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी भी मौजूद थे. एयरफोर्स पर प्रधानमंत्री की एक झलक पाने के लिए स्थानीय लोगों की भीड़ सुरक्क्षित सीमा के बाहर देखी गयी.
बंगाल और बांग्लादेश की एक ही परंपरा : ममता
शांतिनिकेतन.इस दौरान राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि आज बांग्लादेश और भारत के बीच मित्रता की इस गहराई को देखने का सौभाग्य मिला. बंगाल और बांग्लादेश की संस्कृति रहन सहन खान पान एक ही जैसा है दोनों में एक ही परंपरा का रूप रेखा देखने को मिलता है .
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के कवि नजरुल को लेकर आसनसोल चुरुलिया में बंगाल सरकार ने कवि नजरुल विश्वविद्यालय की स्थापना की है .वही अंडाल में कवि नजरुल के नाम पर एयरपोर्ट का नामकरण बंगाल सरकार ने किया है .नजरुल को लेकर एकेडमी, तीर्थ विश्वविद्यालय आदि कई शैक्षणिक व सांस्कृतिक कार्यों पर काम कर रही है. उन्होंने बांग्लादेश और भारत के बीच तथा बंगाल के बीच के पारंपरिक रिश्तो को और प्रगाढ़ करने पर बल दिया.
ऐसा क्या हुआ जो मोदी को मांगनी पड़ी माफी
शांतिनिकेतन. शांतिनिकेतन में विश्वभारती विश्वविद्यालय के 49वें दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माफी मांगी. शांतिनिकेतन पर पीएम मोदी के पहुंचते ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें गुलदस्ता देकर और शॉल भेंटकर उनका स्वागत किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विश्वभारती विश्वविद्यालय के आचार्य होने के नाते सबसे पहले मैं आपसे माफी मांगता हूं. जैसे ही मैं यहां आया, कुछ छात्रों में पानी की उचित व्यवस्था न होने के लिए नाराजगी जाहिर की, आपको हुई परेशानी को लेकर मैं क्षमा मांगता हूं.
मोदी ने जोरदार स्वागत के बीच कहा : मैं विश्वभारती के आचार्य के रूप में आपसे क्षमा मांगता हूं. जब मैं यहां आ रहा था, कुछ छात्रों की भावभंगिमा ने मुझे पेयजल की कमी के बारे में बता दिया. उन्होंने कहा : मैं इस असुविधा के लिए आपसे क्षमा मांगता हूं. इस विश्वविद्यालय को नोबल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोलपुर में बनवाया था. खबरों के मुताबिक, अपर्याप्त पेयजल आपूर्ति की वजह से कुछ छात्र बीमार पड़ गये.
प्रधानमंत्री ने दिलीप का हालचाल पूछा: पानागढ़. विश्वभारती शांति निकेतन के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर गये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हेलीपैड में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष का हालचाल लिया. हेलीपैड पर पहुंचे स्वागत क्रम में प्रधानमंत्री ने दिलीप घोष के स्वास्थ्य को लेकर बातचीत की.
कार्यक्रम के अंत में दिलीप घोष ने बताया कि प्रधानमंत्री के आगमन से वीरभूम जिले में एक नये उत्साह का समागम हुआ है. उन्होंने अनुव्रत मंडल से किये गये एक सवाल के जवाब में कहा कि अनुव्रत बाबू कभी इस तरह का उत्साह देखा है इलाका किसी का नहीं होता है.

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