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कोर्ट के निकट दंपती का आमरण अनशन आज से
टकराव. कांग्रेसी पार्षद दंपती के साथ उपमेयर के विवाद को मिला नया रूप आसनसोल. कांग्रेसी पार्षद अभिजीत आचार्या ने उपमेयर तबस्सुम आरा पर उनके गणतांत्रिक अधिकारों का हनन करने का आरोप लगाते हुए अपनी पत्नी सह वार्ड संख्या 105 की पार्षद इंद्राणी आचार्या के साथ बुधवार की सुबह आसनसोल कोर्ट स्थित घड़ी मोड़ के समक्ष […]
टकराव. कांग्रेसी पार्षद दंपती के साथ उपमेयर के विवाद को मिला नया रूप
आसनसोल. कांग्रेसी पार्षद अभिजीत आचार्या ने उपमेयर तबस्सुम आरा पर उनके गणतांत्रिक अधिकारों का हनन करने का आरोप लगाते हुए अपनी पत्नी सह वार्ड संख्या 105 की पार्षद इंद्राणी आचार्या के साथ बुधवार की सुबह आसनसोल कोर्ट स्थित घड़ी मोड़ के समक्ष आमरण अनशन करने की घोषणा की.
मंगलवार को उन्होंने नगर निगम मुख्यालय में मेयर जितेंद्र तिवारी को इस आशय का ज्ञापन सौंपा. सनद रहे कि पिछले सप्ताह लगातार बारिश के बाद श्री आचार्या के वार्ड में उपमेयर सुश्री आरा ने स्वतंत्र पहल की थी. इसके बाद से ही दोनों के बीच राजनीतिक विवाद शुरू हो गया था.
क्या है मामले की पृष्ठभूमि
पिछले सप्लाह लगातार बारिश होने के बाद नगर निगम के कई निचले इलाकों में पानी भर गया था. निगम प्रशासन ने पीड़ितों की राहत के लिए हर वार्ड में 50 तिरपाल तथा आवास मरम्मत के लिए दो हजार रुपये देने की घोषणा की थी.
उपमेयर सुश्री आरा इस राहत अभियान के तहत कांग्रेसी पार्षद श्री आचार्या के वार्ड में चली गयी थी तथा अपने स्तर से पाड़ितों की सूची बना रही थी. इसकी सूचना श्री आचार्या को मिल गयी. उन्हें लगा कि उपमेयर सुश्री आरा उनके जनाधार को कमजोर कर रही है तथा राजनीतिक लाभ उठा रही है. इसके बाद वे उपमेयर के पास पहुंचे तथा उनकी मौजूदगी का विरोध किया. दोनों के बीच सार्वजनिक रूप से काफी विवाद हुआ. यह मामला नगर निगम बोर्ड की पिछली बैठक में उठा.
बोर्ड पदाधिकारियों ने उपमेयर की मौजूदगी को उचित ठहराया तथा व्हाट एप्पस पर उपमेयर के खिलाफ की गयी टिप्पणी के लिए बोर्ड की बैठक में श्री आचार्या से क्षमा याचना भी करायी. इसके बाद श्री आचार्या ने उपमेयर व उनके पति के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाते हुए मेयर श्री तिवारी तथा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा तथा उनके खिलाफ जांच की मांग की. उनसे इस्तीफे की भी मांग की.
कुल्टी बोरो कार्यालय की बैठक से नया विवाद
श्री आचार्या ने कहा कि मंगलवार को उपमेयर सुश्री आरा की अध्यक्षता में कुल्टी बोरो कार्यालय में इलेक्ट्रिफिकेशन एवं पौधारोपण के मुद्दे पर आयोजित बैठक में कुल्टी के 28 पार्षदों को सूचना दी गयी थी.
परंतु वार्ड संख्या 104 और 105 के पार्षद होने के बावजूद उन्हें और उनकी पत्नी को योजना के तहत सूचना नहीं दी गयी. उन्होंने बताया कि उपमेयर ने नोटशिट जारी कर कुल्टी बोरो कार्यालय में होने वाली बैठकों से उन्हें और उनकी पत्नी को सूचित न करने और बोरो में कार्यरत सभी स्टॉफ को उनसे किसी मामले में बातचीत न करने का निर्देश जारी किया है. उन्होंने कहा कि उपमेयर संवैधानिक सीमा से बाहर काम कर रही हैं. उन्हें म्यूनिसिपल एक्ट की जानकारी नहीं है. इस प्रकार का निर्देश कोई भी उपमेयर जारी नहीं कर सकता है. श्री आचार्या ने बताया कि उपमेयर के असंवैधानिक एवं तानाशाही निर्देश का कुल्टी के 20 पार्षदों ने भी सामूहिक बहिष्कार कर उनका समर्थन किया है. बैठक में बोरो चेयरमैन संजय नोनिया, प्रबीर चटर्जी, राजू कर्मकार, साधन पाल, प्रियब्रत सरकार, रंजीता शर्मा एवं उपमेयर सहित कुल आठ जनप्रतिनिधि ही थे.
उन्होंने कहा कि मामले की लिखित शिकायत निगम आयुक्त खुर्शीदअली कादरी, चेयरमैन अमरनाथ चटर्जी, विपक्षी दल के नेता वशीमुल हक, भाजपा पार्षद भृगु ठाकुर और अन्य पार्षदों को भी दी गयी है. उपमेयर के तानाशाही रवैये के विरोध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से लिखित शिकायत कर सुश्री आरा के स्थान पर किसी योग्य व्यक्ति को निगम का उपमेयर बनाने का आग्रह किया गया है.
आरोपों को खारिज किया उपमेयर ने
उपमेयर सुश्री आरा ने पार्षद श्री आचार्या के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि मंगलवार को इलेक्ट्रिफिकेशन और पौधारोपण की बैठक की सूचना न देने का निर्देश मनगढंत आरोप है. वार्ड संख्या 104 के पार्षद श्री आचार्या और वार्ड संख्या 105 की पार्षद इंद्राणी को कुल्टी बोरो कार्यालय में होने वाली बैठकों की सूचना नहीं देने का निर्देश का आरोप गलत है. उनके उपर गलत आरोप लगा रहे हैं. पार्षद के आमरण अनशन पर बैठने के बारे में कहा कि हर व्यक्ति को निर्णय की स्वतंत्रता है. वे अनशन पर बैठना चाहे तो कोई क्या करेगा?
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