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देवांशु का धांधली का आरोप, आयोग ने किया खारिज

लोकसभा चुनाव के छठे चरण में राज्य की आठ सीटों पर वोटिंग के दौरान तृणमूल कांग्रेस के एक प्रत्याशी ने धांधली का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया. हालांकि, तृणमूल के इस आरोप को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया.

कोलकाता.

लोकसभा चुनाव के छठे चरण में राज्य की आठ सीटों पर वोटिंग के दौरान तृणमूल कांग्रेस के एक प्रत्याशी ने धांधली का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया. हालांकि, तृणमूल के इस आरोप को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया.

क्या है मामला : लोकसभा चुनाव के छठे चरण में तमलुक सीट से तृणमूल प्रत्याशी देवांशु भट्टाचार्य ने एक वीडियो जारी करते हुए उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. हालांकि प्रभात खबर इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है. वीडियो में ईवीएम के सामने कुछ लोगों की भीड़ देखी जा रही है. कुछ लोग एक के बाद एक बटन दबा रहे हैं. वीडियो में कुछ महिलाएं भी खड़ी नजर आ रही हैं. इस वीडियो के साथ देवांशु लिखते हैं : भाजपा नंदीग्राम के ब्लॉक नंबर एक के सोनाचूड़ा इलाके में गंगा बसुली प्राइमरी स्कूल नंबर 279 पर खुलेआम छप्पा वोट डाल रही है. ध्यान दें कि एक बार ईवीएम स्विच टैप करने के बाद, वोट केवल एक बार पड़ता है. भले ही बटन को बार-बार दबाया जाये. जब तक कि पीठासीन अधिकारी अगले वोट का संकेत न दे. उधर, जैसे ही इस वीडियो की जानकारी चुनाव आयोग को मिली, तो आयोग ने पूरे मामले की जांच की. संबंधित पीठासीन अधिकारी से भी बात की. इसके बाद आयोग ने तृणमूल प्रत्याशी की शिकायत को खारिज करते हुए कहा कि उस वक्त उस बूथ पर वीवीपैट मशीन में कुछ दिक्कतें देखी गयी थी. उसे ठीक किया जा रहा था.

उधर, चुनाव के दौरान तमलुक में तनाव का माहौल था. भाजपा उम्मीदवार अभिजीत गांगुली को विरोध का सामना करना पड़ा. तृणमूल कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर ””गो बैक”” (वापस जाओ) के नारे भी लगाये. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और केंद्रीय बलों ने लाठियां भांजकर उन्हें खदेड़ा. इसके बाद उन्होंने अपना आपा खो दिया. पूर्व जस्टिस गांगुली ने कहा : घेरने से हड्डियां तोड़ दी जायेंगी.

वीडियो जारी करने वाले चुनाव कर्मी के खिलाफ होगी कार्रवाई:

इस मामले में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ आरिज आफताब ने बताया कि हमारे किसी चुनाव कर्मी ने इस वीडियो को तृणमूल प्रत्याशी तक पहुंचाया है. सीईओ ने बताया कि वेबकास्टिंग की वीडियो को आयोग की अनुमति के बगैर जारी नहीं किया जा सकता. उन्होंने बताया कि घटना की जांच जारी है. तृणमूल उम्मीदवार तक वीडियो पहुंचाने वाले शख्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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