उस वक्त ये बांग्लादेश से भारत में दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे. उन्हें राज्य की सीआइडी के हवाले कर दिया गया था. जांच में पता चला था कि इनमें से दो आतंकी मोहम्मद युनूस और मोहम्मद अब्दुल्ला पाकिस्तानी नागरिक हैं, जबकि अन्य दो आतंकी मुजफ्फर अहमद राठौर, कश्मीर से था और शेख समीर महाराष्ट्र का रहने वाला था.
इन पर नारको एनालिसिस टेस्ट किया गया था. जिससे पता चला कि चारों को पाकिस्तान के लश्कर कैंप में प्रशिक्षित किया गया था और उनकी योजना कश्मीर में रक्षा संस्थानों पर हमला करने की थी. उन्हें स्वचालित राइफल, ग्रेनेड और आइइडी में ट्रेनिंग मिली थी. वर्ष 2014 में इनके मामले की सुनवाई के दौरान समीर उसवक्त भाग गया जब जांच अधिकारी उसे महाराष्ट्र में अदालत में पेश करने ले जा रहे थे. समीर चलती ट्रेन से छत्तीसगढ़ में फरार हो गया. समीर अब तक फरार है. हालांकि समीर के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उसे मार दिया है. जबकि पुलिस इस आरोप का खंडन करती है. पुलिस के मुताबिक मुंबई के लोकल ट्रेन धमाकों से समीर का संबंध था. बाकी तीनों आतंकी अपनी सजा के खिलाफ हाइकोर्ट में अपील करेंगे.