कोलकाता: विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र के दौरान सोमवार को विधानसभा में दो निजी विश्वविद्यालय विधेयक द अमिटी यूनिवर्सिटी बिल, 2014 तथा द यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट कोलकाता, बिल, 2014 पारित हो गया. हालांकि विधानसभा में विपक्षी पार्टियां वाम मोरचा, कांग्रेस व एसयूसीआइ ने राज्य सरकार पर निजी विश्वविद्यालयों को बढ़ावा देने तथा शिक्षा के व्यवसायीकरण का आरोप लगाते हुए विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया.
आरएसपी के विधायक सुभाष नस्कर ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने निजी विश्वविद्यालयों के गठन के लिए गठित सात सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट पेश नहीं की है. उन्होंने कहा कि एक दिवसीय अधिवेशन ही तुगलकी अधिवेशन था और इस दौरान पेश किये गये विधेयक भी तुगलकी रहे. कांग्रेस विधायक दल के नेता मोहम्मद सोहराब ने भी विधेयक का विरोध किया. एसयूसीआइ विधायक तरुण नस्कर ने कहा कि वे लोग निजी विश्वविद्यालय के विरोधी हैं.
इस तरह के विधेयक से शिक्षा के व्यवसायीकरण को बढ़ावा मिलेगा. बाद में शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने विधेयक पर हुई बहस का जवाब देते हुए कहा कि वामो के विधायक न तो कुछ करना चाहते हैं और न ही कुछ करने देना चाहते हैं. राज्य सरकार ने शीतकालीन सत्र से लेकर अभी तक कुल सात निजी विश्वविद्यालय विधेयक पेश किया है. उन्होंने कहा कि इन विधेयकों का उद्देश्य राज्य में शिक्षा के मानदंड को अच्छा करना है. जो भी नियम बनाये जायेंगे वह यूजीसी के नियम के अनुसार ही होंगे. उन्होंेने विरोधी दलों की आशंका को खारिज कर दिया कि निजी विश्वविद्यालयों द्वारा मनमाने ढंग फीस वसूली जायेगी. शुल्क का निर्धारण पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा की जाती है. उनके अनुमोदन के बिना कोई भी विश्वविद्यालय मनमाने ढंग से फीस नहीं ले पायेगा.