इंसेफलाइटिस से एक और पीड़ित की मौत
सिलीगुड़ी : उत्तर बंगाल में इंसेफलाइटिस की बीमारी ने एक और की बलि ले ली है. उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में मिनु संथाल (22) नामक एक महिला की मौत इस बीमारी से हो गयी है. वह नागराकाटा की रहनेवाली थी. उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में आज भी बुखार से पीड़ित कई लोग भरती हुए हैं.
इन लोगों के रक्त के नमूने की जांच की जा रही है. दूसरी तरफ राज्य के स्वास्थ्य निदेशक सुशांत बनर्जी ने मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की. इस मौके पर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ समीर घोष तथा अस्पताल अधीक्षक सव्यसाची दास भी मौजूद थे. बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए श्री बनर्जी ने हालात के काबू में रहने का दावा किया. उन्होंने कहा कि पहले के मुकाबले अभी इंसेफलाइटिस के मामले में कमी आयी है.
उत्तर बंगाल के सभी जिलों में धीरे धीरे इस बीमारी का कहर कम हो रहा है. उन्होंने यह भी दावा किया मरीजों की चिकित्सा में किसी तरह की कोई ढिलाई बरती नहीं जा रही है. उन्होंने आगे कहा कि पहले जिस तरह से इंसेफलाइटिस के मामले सामने आ रहे थे, उसमें काफी कमी आ गयी है. मालदा जिले में अभी भी इस बीमारी का असर बना हुआ है. उन्होंने स्वीकार किया कि अब तक इस बीमारी की वजह से 137 लोगों की मौत हो चुकी है.
उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को रोगियों को हरसंभव चिकित्सा उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये. इसके साथ ही उन्होंने इंसेफलाइटिस की बीमारी का पता करने के लिए रक्त की जांच के लिए जिस कीट का इस्तेमाल होता है, उसके बेजा इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. उन्होंने कहा कि इस कीट को पूणो से मंगाना पड़ता है और यह इतनी आसानी से उपलब्ध नहीं होता.
अब तक बुखार के जितने भी मामले आ रहे हैं, सभी को इंसेफलाइटिस का मामला समझ कर इसी कीट से रोगियों के रक्त के नमूने की जांच की जाती है. जिसकी वजह से कीट की कमी हो गयी है. उन्होंने डॉक्टरों को यह भी निर्देश दिया कि जिस मरीज में इंसेफलाइटिस का लक्षण दिखें उन्हीं के रक्त के नमूने की जांच इस कीट से की जानी चाहिए.