सही समय पर अस्पताल ले जाने पर बच सकती थी शहनवाज की जान.
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दो आरोपी गिरफ्तार, 12 दिनों की पुलिस रिमांड
सही समय पर अस्पताल ले जाने पर बच सकती थी शहनवाज की जान. वर्कशॉप में मौत के बाद शव को कार में लादकर खाल में फेंका. मोबाइल फोन के टॉवर लोकेशन के आधार पर दिलशाद गिरफ्तार. आसनसोल : हीरापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत आजाद नगर निवासी शहनवाज मल्लिक हत्याकांड में आसनसोल साऊथ थाना पुलिस ने दो […]
वर्कशॉप में मौत के बाद शव को कार में लादकर खाल में फेंका.
मोबाइल फोन के टॉवर लोकेशन के आधार पर दिलशाद गिरफ्तार.
आसनसोल : हीरापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत आजाद नगर निवासी शहनवाज मल्लिक हत्याकांड में आसनसोल साऊथ थाना पुलिस ने दो आरोपियों, रहमतनगर बर्नपुर निवासी दिलशाद आलम और महिशिला कॉलोनी निवासी तापस बनर्जी को मंगलवार रात को उनके घर से गिरफ्तार किया.
कांड के जांच अधिकारी अवर निरीक्षक सजल चौधरी ने दोनों आरोपियों को बुधवार को आसनसोल जिला अदालत में मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी (सीजेएम) संदीप चक्रवर्ती के समक्ष पेश किया. कांड से जुड़े सबूतों को बरामद करने का हवाला देकर आरोपियों की 14 दिन की पुलिस रिमांड की अपील की. सीजेएम ने 12 दिन की रिमांड मंजूर कर आरोपियों को पुलिस के हवाले कर दिया.
सनद रहे कि आजाद नगर निवासी शहनवाज मल्लिक का शव छह जनवरी को महिशिला इलाके में तालकुड़ी खाल से पुलिस ने छह जनवरी को बरामद किया था. उसकी हत्या गोली मारकर की गई थी. पोस्टमार्टम में उसके शरीर से बुलेट हेड बरामद हुआ था. जिसे पुलिस ने जब्त किया है.
घटना को लेकर मृतक के पिता मोहम्मद असफाक मल्लिक की शिकायत पर आसनसोल साऊथ थाना में छह जनवरी को कांड संख्या 12/2020 दर्ज किया गया. शिकायत में अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया था. जिसमें आईपीसी की धारा 302 और 201 के तहत मामला आरम्भ हुआ. कांड के जांच अधिकारी अवर निरीक्षक श्री चौधरी ने कांड की जांच के बाद दो आरोपियों दिलशाद आलम और तापस मुखर्जी को गिरफ्तार किया.
पुलिस सूत्रों के अनुसार हिलव्यू के पास स्थित दिलशाद के ग्रिल वर्कशॉप में शहनवाज कार्य करता था. पांच जनवरी रात को इसी वर्कशॉप में शहनवाज ही हत्या गोली मारकर की गई. जिसके उपरांत उसके शव को दिलशाद और तापस दो लोंगों ने मिलकर रात के अंधेरे में निकाल कर तालकुड़ी खाल में फेंक दिया था. रिमांड अवधि में हत्या में उपयोग किया गया हथियार, शव को जिस वाहन से पानकुड़ी खाल तक ले जाया गया, उस वाहन को बरामद करने के साथ कांड में और भी कोई शामिल था या नहीं पुलिस यह जानने की प्रयास कर रही है.
हथियार की नुमाईश में चली गोली ः आरोपी दिलशाद ने पुलिस को बताया कि किसी दुश्मनी की वजह से शहनवाज की हत्या नहीं की गई. उसके पास एक लाइसेंसी पिस्टल है.पांच तारीख शाम को वर्कशॉप में शहनवाज उक्त पिस्टल देखने की जिद करने लगा. पिस्टल देखकर वह पिस्टल के विषय में पूछने लगा कि क्या इससे गोली चल सकती है? कैसे गोली चलती है? उसे पिस्टल दिखाने के क्रम में गोली चल गई. गोली चलने के बाद वह डर गया. जिसके कारण उसे अस्पताल नहीं पहुंचाया.
सही समय पर अस्पताल पहुंचाने से शायद शहनवाज की जान बच सकती थी. वर्कशॉप में शहनवाज की मौत के बाद उसे कार में लादकर तालकुड़ी खाल में फेंक दिया गया. तापस भी उसके साथ था. दिलशाद ने पुलिस को बताया कि तापस का कोई कसूर नहीं है. पुलिस जांच कर रही है कि गोली लाइसेंसी गन से चली है या दूसरा कोई पिस्टल उपयोग किया गया है.
मोबाइल टॉवर लोकेशन के आधार पर आरोपी गिरफ्तार.
शहनवाज की मौत पांच तारीख को हुई थी. पुलिस ने उसके मोबाइल फोन का कॉल डिटेल्स रिपोर्ट (सीडीआर) निकाला. सीडीआर में शहनवाज और दिलशाद का मोबाइल फोन का टॉवर लोकेशन एक ही जगह दर्शाया. जिसके आधार पर पुलिस ने दिलशाद को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया. पूछताछ में हत्या में दिलशाद की संलिप्तता सामने आते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उसकी निशानदेही पर महिशिला एक नम्बर कॉलोनी इंजीनियरिंग रोड सिमुलतला निवासी तापस बनर्जी को गिरफ्तार किया गया.
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