सीआइडी ने शिकायत मिलने के बाद कार्रवाई कर सात लोगों को किया गिरफ्तार
वैध कॉल सेंटर के नाम पर फर्जी कॉल सेंटर खोल कर चला रहे थे यह धंधा
पॉपअप मैसेज के जरिये विदेशी लोगों को भेजते थे एक लिंक, लिंक खोलने पर ही हो जाता था कंप्यूटर हैक
इसी तरह से बड़ी कंपनियों के कंप्यूटर हैक कर ब्लैकमेल कर वसूलते थे मोटी रकम
कोलकाता : एक बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी के नाम पर विदेशी नागरिकों को ब्लैकमेल कर उनसे लाखों रुपये बटोरनेवाले गिरोह के पांच सदस्यों को राज्य पुलिस के सीआइडी की टीम ने छापेमारी कर गिरफ्तार किया है. सभी को सॉल्टलेक के सेक्टर 1 व सेक्टर फाइव से गिरफ्तार किया गया है.
डीआइजी (स्पेशल) सीआइडी मितेश जैन ने कहा कि सॉफ्टवेयर कंपनी की तरफ से मिली शिकायत के बाद उन्होंने सॉल्टलेक व आसपास के इलाकों में छापेमारी की. इस दौरान पता चला कि सॉल्टलेक में एक गिरोह है, जो फर्जी कॉल सेंटर खोल कर यूके, यूएसए, लंदन व जर्मनी के लोगों से करोड़ों रुपये बटोर रहे हैं. इसके बाद छापेमारी कर कुल पांच छोटे-बड़े फर्जी काॅल सेंटरों का पता चला, जो एक ही गिरोह द्वारा चलाया जा रहा है. छोटे कॉल सेंटरों में 20 से 25 कर्मचारी काम करते थे, वहीं बड़े कॉल सेंटरों में 50 से ज्यादा कर्मचारियों से विदेशियों को ठगी का शिकार बनाया जाता था. कैसे करते थे ठगी
इस मामले में मितेश जैन ने कहा कि ये लोग शुरू में विदेशी कंपनियों में कंप्यूटर अपडेट करने का पॉपअप मेल भेजते थे, जिसमें बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी का लोगो मौजूद रहता था. उस पॉपअप में एक लिंक भी मौजूद रहता था. इसक लिंक को खोलने पर कंप्यूटर हैक हो जाता था. इसके बाद पूरा कंप्यूटर का सिस्टम ही ब्लॉक हो जाता था. इसके बाद पूरी स्थिति सामान्य करने के बदले यह गिरोह मोटे रकम की मांग करते थे.
अब तक 20 से 22 करोड़ तक वसूल चुका है यह गिरोह
सिस्टम को सामान्य करने के बदले एक लाख रुपये से लेकर तीन लाख रुपये तक प्रत्येक नागरिक से रुपये मांगे जाते थे. इस तरह से हजारों विदेशी नागरिकों से यह गिरोह 20 से 22 करोड़ रुपये तक बटोर चुके थे. अब तक की जांच में यह खुलासा हुआ कि यह गिरोह अब तक मूलत: जर्मनी नागरिकों को ही शिकार बनाये थे.श्री जैन ने बताया कि इस गिरोह से पूछताछ कर इसके साथ मौजूद अन्य साथियों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है.