जनई, प बंगाल: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रेल बजट में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की आलोचना करते हुए आज आरोप लगाया कि यह देश बेचने का एक प्रयास है.
इसके साथ ही, ममता ने आरोप लगाया कि रेल बजट की कवायद में पश्चिम बंगाल की उपेक्षा और अपमान किया गया है. रेलमंत्री रह चुकी ममता ने हुगली जिला में एक सरकारी कार्यक्रम में कहा, ‘‘चुनाव से पहले इतने इतने सारे झांसे दिए गए थे. उन्होंने रक्षा और रेलवे में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाने के बारे में पहले क्यों नहीं लोगों को बताया? चुनाव के बाद अब क्यों?’’ तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘चुनाव से पहले उन्होंने ढेर सारी चीजें करने का वादा किया था, लेकिन एक महीने के अंदर उनका असली चेहरा उजागर होता जा रहा है.’’ ममता ने मोदी सरकार पर पश्चिम बंगाल के प्रति प्रतिशोध का रुख बरतने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘नई सरकार ने इसे (पश्चिम बंगाल को) नजरअंदाज और अपमानित किया.’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सिर्फ एक साप्ताहिक ट्रेन बंगाल के लिए दी गयी है. मैं इसे वापस लेने का मांग करती हूं. हम भीखमंगे नहीं हैं. हम अपने अधिकारों के लिए लडते हैं. हम समझौता नहीं करते हैं.’’
ममता ने मांग की कि बिहार और ओडिशा समेत अन्य राज्यों को फायदे मिलने चाहिए। ‘‘लेकिन फायदे बराबरी से बांटें जाएं. क्यों पश्चिम बंगाल को नजरअंदाज और वंचित किया जा रहा है?’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्या किसी ने कभी इस तरह नजरअंदाज और अपमानित किया जाना देखा है? अगर पश्चिम बंगाल को नजरअंदाज किया जाएगा तो हम चुप नहीं बैठेंगे.’’ ममता ने कहा कि रेल मंत्री की हैसियत से उन्होंने अपने राज्य को 16 रेल परियोजनाएं मंजूर की थी और 300 नई ट्रेनें प्रस्तावित की थी.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आज मेरा दिल जल रहा है. यह खुशकिस्मती है कि मैं ना तो राज्यसभा में हूं और ना ही लोकसभा में. मैं नहीं जानती कि अगर मैं वहां होती तो क्या करती.’’