आसनसोल : हीरापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत नवाघंटी इलाके के निवासी तथा कैटरिंग व्यवसायी राणा बनर्जी हत्याकांड में फरार आरोपी कृष्णेन्दू मुखर्जी द्वारा जमानत के लिए सर्वोच्च न्यायालय में दायर एसएलपी पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने आरोपी को आठ फरवरी तक ट्रायल कोर्ट में आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया.
आत्मसमर्पण के 48 घंटे पहले इसकी सूचना कांड के जांच अधिकारी को देनी होगी. आत्मसमर्पण के बाद जांच अधिकारी यदि उसे रिमांड में लेना चाहती है तो यह निर्णय स्थानीय अदालत पर निर्भर करेगा. इस आदेश पर क्रियान्वयन हुआ या नहीं इस पर अगली सुनवाई 11 फरवरी को सर्वोच्च न्यायालय में होगी.
राणा बनर्जी हत्याकांड में हीरापुर थाना कांड संख्या 346/17 में पुलिस ने आईपीसी की धारा 302, 201, 326, 307, 34, 120 बी और 25/27 आर्म्स एक्ट में तहत मामला दर्ज किया है. इस मामले में फरार आरोपी कृष्णेन्दू ने जमानत की जमानत स्थानीय अदालत से रद्द होने के बाद, उसने उच्च न्यायालय में अपील की, वहां सशर्त जमानत मिली.
शर्तों को पूरा न करने पर पुलिस की याचिका पर जमानत रद्द हो गयी और उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया. इस परिस्थिति में उसने बर्दवान जिला अदालत में जमानत के लिए अपील की जिसे मंजूर कर उसे जमानत दे दी गयी. पुलिस ने इसे उच्च न्यायालय में चुनौती देने में बाद यह जमानत भी रद्द हो गयी. कृष्णेन्दू ने मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी दायर किया.लेकिन वहां भी उसे राहत नहीं मिली.
सनद रहे कि इस मामले में जिला अदालत में कस्टडी ट्रायल के लिए पहली दो तिथियां 13 फरवरी और 18 फरवरी निर्धारित कर दी है. इस बीच अदालत के गवाहों को सम्मन भी जारी हो गया और पहली तिथि से ही गवाहों की गवाही ली जायेगी. मामले में कुल 30 गवाह का नाम चार्जशीट के दाखिल किया गया है .
16 सितंबर, 2017 को कैटरिंग व्यवसायी राणा बनर्जी की हत्या हुयी थी. प्राथमिकी के आधार पर हीरापुर थाना में कांड संख्या 346/17 दर्ज हुआ . जिसमें पुलिस ने आईपीसी की धारा 302, 201, 326, 307,34 और 25/27 आर्म्स एक्ट जोड़कर जांच आरम्भ की. जांच में मिले साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने बाद में इसमें 120 बी धारा को भी जोड़ दिया.
पुलिस ने मामले में पांच लोगों पिता-पुत्र मिल्टन सेन, सागर सेन, अजय हाड़ी, सुभाष मंडल तथा बबलू माजी को गिरफ्तार किया है. जांच पूरी कर पुलिस ने तीन माह के अंदर ही सप्लीमेंट्री चार्ज शीट जमा दे दी. चार्ज शीट में पुलिस ने सात लोगों को नामजद आरोपी बनाया है. उक्त पांच के अलावा इलाके के दबंग कृष्णेन्दू मुखर्जी और रीतेन बसाक ऊर्फ फूफा का नाम शामिल किया गया है. दोनों आरोपी गिरफ्तार ने होने के कारण फाईनल चार्जशीट जमा नहीं किया गया है.
पुलिस के पास मामले के चश्मदीद गवाह राणा बनर्जी के चचेरे भाई मिथुन बनर्जी के अलावा कुल तीस गवाह है . जिसमें मिथुन ने सीआरपीसी की 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया है. इस बयान के अलावा आर्म्स एक्सपर्ट, फोरेंसिक एक्सपर्ट और हैंडराइटिंग एक्सपर्ट का बयान मामले की प्रमुख कड़ी है.