बांकुड़ा : विवाहिता पर अत्याचार व आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के मामले में खातड़ा महकमा अदालत ने पति को छह वर्ष तथा जेठ को तीन वर्ष की सजा सुनाई है.वहीं दोनों अभियुक्तों पर जुर्माना भी लगाया है. घटना के बारे में सरकारी वकील समीर दास ने बताया कि वर्ष 2010 में जिले के हीड़बांध थाना के रामहारिपुर ग्राम के निवासी राखोहरी गोप की पुत्री उषा गोप के साथ इंदपुर थाना इलाके के सालानपुर ग्राम के गुणधर गोप के बेटे सुजीत गोप के साथ विवाह हुआ था
.विवाह के बाद से ही 50 हजार रुपये की मांग की जा रही थी. न देने पर मानसिक एवं शारीरिक से अत्याचार किया जा रहा था. 9 जून, 2010 लडकी के मायके वालों को खबर दी गयी कि उषा की तबियत खराब है. जब लड़की के पिता पहुंचे तो देखा की उसकी मौत हो चुकी थी.
इसके बाद 11 जून को लड़की के पिता राखोहरी गोप ने इंदपुर थाना में बेटी पर अत्याचार एवं आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के मामले में दामाद सुजीत, सास संध्या, ससुर गुणधर, जेठ अजीत एवं चचेरे ससुर के खिलाफ मामला दर्ज कराया. पुलिस ने पांचों को कर लिया लेकिन बाद में सभी जमानत पर रहे रिहा हुए. इस बीच ससुर की मौत हो गयी.
सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सुजीत एवं अजीत को दोषी पाया. मंगलवार को खातड़ा महकमा अदालत के अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश शुभाशीष घोष ने पति सुजीत को 498ए के तहत दो वर्ष जेल, एक हजार रुपये जुर्माना तथा 306 के तहत 6 वर्ष जेल, दो हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. वही अजीत को 498 ए के तहत दो वर्ष जेल एवं 306 के तहत तीन वर्ष जेल एवं दो हजार रुपये जुर्माना का सजा सुनायी गयी.