UP News : उत्तर प्रदेश अब सिर्फ भारत का हृदय नहीं, बल्कि डिजिटल क्रांति का केंद्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों और दूरदृष्टि ने प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेक्टर की नई पहचान बनाई है. लखनऊ से लेकर वाराणसी तक आईटी नेटवर्क का विस्तार युवाओं के सपनों को नई उड़ान दे रहा है. राज्य सरकार के आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग ने उत्तर प्रदेश को भारत का अग्रणी आईटी हब बनाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं. माइक्रोसॉफ्ट इंडिया, पेटीएम, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और मैक इंडिया जैसी दिग्गज कंपनियों का प्रदेश में निवेश इस दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत है. अब तक ₹5,584 करोड़ का निवेश और करीब 53,000 रोजगार अवसर सृजित हो चुके हैं.
आईटी निर्यात में चार गुना बढ़ोतरी
वर्ष 2015 में जहां उत्तर प्रदेश का आईटी निर्यात लगभग ₹15,000 करोड़ था, वहीं आज यह आंकड़ा ₹75,000 करोड़ के पार पहुंच चुका है. यह न केवल आर्थिक उपलब्धि है, बल्कि प्रदेश के युवाओं की तकनीकी क्षमता और सरकार की नीति-संवेदनशीलता का प्रमाण भी है. योगी सरकार की आईटी नीति 2017-2022 के बाद निवेशकों में प्रदेश को लेकर भरोसा बढ़ा है. नई आईटी एवं आईटी जनित सेवा नीति-2022 के तहत दो नई परियोजनाओं को “लेटर ऑफ कम्फर्ट” जारी किया गया है, जिससे 900 युवाओं को रोजगार मिलेगा. ₹48 करोड़ से अधिक निवेश वाली तीन नई परियोजनाएं स्वीकृति की प्रतीक्षा में हैं.
आईटी सेक्टर को उद्योग का दर्जा, बदला निवेश माहौल
आईटी और आईटीईएस क्षेत्र को “उद्योग का दर्जा” देने के निर्णय ने निवेश का परिदृश्य पूरी तरह बदल दिया है. अब आईटी कंपनियों को औद्योगिक दरों पर भूमि उपलब्ध कराई जा रही है. इससे नए निवेश को बढ़ावा मिला है और प्रदेश में तकनीकी ढांचे के विकास को रफ्तार मिली है. सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (STPI) के सहयोग से नोएडा, मेरठ, लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज और आगरा में आईटी पार्क्स और एसटीपीआई केंद्र पहले से संचालित हैं. अब वाराणसी, बरेली और गोरखपुर में भी नए आईटी हब विकसित किए जा रहे हैं, जिससे छोटे शहर भी डिजिटल अर्थव्यवस्था से जुड़ सकें.
‘युवा यूपी’ की नई पहचान
प्रदेश के युवा अब अपने ही शहर में बड़े आईटी ब्रांड्स के साथ काम करने का अवसर पा रहे हैं. कानपुर की दीप्ति और गोरखपुर के आर्यन जैसे युवाओं के अनुभव इस बदलाव की मिसाल हैं. आईटी क्षेत्र में बढ़ते रोजगार ने न केवल युवाओं की आकांक्षाओं को पंख दिए हैं, बल्कि प्रदेश की आर्थिक प्रगति को भी नई दिशा दी है. सरकार की ओर से शुरू किए गए ऑनलाइन पोर्टल ने आईटी और आईटीईएस परियोजनाओं की आवेदन और स्वीकृति प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बना दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है — “सूचना प्रौद्योगिकी केवल तकनीक नहीं, यह परिवर्तन की शक्ति है। यही शक्ति उत्तर प्रदेश को भारत के डिजिटल भविष्य का नेतृत्व दे रही है.”

