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UP News : गुरु परंपरा ने भारत को दिया त्याग, सेवा और बलिदान का संदेश, बोले मुख्यमंत्री योगी

UP News : सीएम योगी ने कहा कि “जहां गुरु के चरण पड़ते हैं, वह भूमि रामराज्य की तरह पवित्र बन जाती है.” सिख गुरुओं का भारत की सनातन परंपरा में योगदान अविस्मरणीय है.

UP News : गुरु परंपरा की दिव्यता और उसकी त्यागमयी भावना का स्मरण करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि भारत की आध्यात्मिक परंपरा की आत्मा ही ‘गुरु-शिष्य संबंध’ में निहित है. यह संबंध न केवल ज्ञान का, बल्कि त्याग, बलिदान और राष्ट्र समर्पण का प्रतीक भी है. मुख्यमंत्री लखनऊ के यहियागंज गुरुद्वारे में आयोजित ‘चरण सुहावे गुरु चरण (जोड़ा साहिब) यात्रा’ के स्वागत समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि “जहां गुरु महाराज के पावन चरण पड़ते हैं, वह भूमि रामराज्य की तरह पवित्र बन जाती है.”

यह यात्रा सिख समुदाय की आस्था का वह भावनात्मक अध्याय है जो गुरु गोविंद सिंह जी महाराज और माता साहिब कौर के पवित्र जोड़ा साहिब से जुड़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह यात्रा केवल श्रद्धा का प्रतीक नहीं, बल्कि त्याग, बलिदान और राष्ट्रधर्म की चेतना को जगाने वाली प्रेरणा है.

त्याग और बलिदान की परंपरा से जुड़ी यात्रा

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह यात्रा गुरु तेग बहादुर जी महाराज के 350वें शहीदी दिवस के अवसर पर निकली है. यह केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि राष्ट्रप्रेम और मानवता के संरक्षण का संदेश लेकर चल रही है. उन्होंने कहा कि “गुरु नानक देव जी से लेकर गुरु गोविंद सिंह जी और उनके चारों साहिबजादों ने जिस तरह धर्म, समाज और राष्ट्र की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया, वह भारत के इतिहास की सबसे प्रेरक गाथाओं में से एक है.” मुख्यमंत्री ने सिख गुरुओं के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनकी वाणी आज भी समाज को दिशा देने वाली प्रकाश पुंज है. “कबीर की निर्गुण साधना हो या गुरु नानक की एकता की वाणी— भारत की आत्मा इन्हीं संतों और गुरुओं की चेतना से प्रकाशित होती रही है.”

साझी आस्था और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक गुरुद्वारा यहियागंजद

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहियागंज गुरुद्वारा न केवल सिख आस्था का केंद्र है, बल्कि यह राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक समरसता का प्रतीक भी है। उन्होंने बताया कि लगभग ढाई सौ वर्ष पूर्व गुरु महाराज के पवित्र चरण पादुकाएं, जो पहले अखंड भारत के हिस्से पाकिस्तान में थीं, अब पटना साहिब में स्थापित की जा रही हैं। यह यात्रा उसी गौरवपूर्ण परंपरा का पुनर्स्मरण है. मुख्यमंत्री ने कहा, “लखनऊ की इस धरती पर गुरु तेग बहादुर जी और गुरु गोविंद सिंह जी की स्मृतियां जुड़ी हैं। इस धरती ने न केवल धर्म का संवर्धन किया बल्कि भारत की एकता के बीज भी बोए हैं.”

गुरु परंपरा — अतीत की स्मृति, भविष्य का मार्गदर्शन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुरु परंपरा केवल इतिहास का गौरव नहीं, बल्कि आने वाले कल के लिए दिशा है। उन्होंने कहा, “यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस विरासत को अक्षुण्ण रखें और इसकी प्रेरणा भावी पीढ़ियों तक पहुंचाएं।” उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे इस यात्रा को राष्ट्रीय एकता, सेवा और आध्यात्मिक जागरण का प्रतीक बनाएं. मुख्यमंत्री ने सिख समाज के प्रति आदर प्रकट करते हुए कहा कि यह समुदाय सेवा, परिश्रम और समर्पण की जीवंत मिसाल है। उन्होंने कहा, “गुरु परंपरा हमें सिखाती है कि जीवन का सर्वोच्च उद्देश्य केवल स्वयं के लिए नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के कल्याण के लिए जीना है.”

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना और राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख की उपस्थिति के लिए आभार व्यक्त किया. इस अवसर पर अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सरदार परबिंदर सिंह, गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के पदाधिकारी, विभिन्न जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे.

Amitabh Kumar
Amitabh Kumar
डिजिटल जर्नलिज्म में 14 वर्षों से अधिक का अनुभव है. जर्नलिज्म की शुरूआत प्रभातखबर.कॉम से की. राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़. राजनीति,सामाजिक संबंधी विषयों पर गहन लेखन किया है. तथ्यपरक रिपोर्टिंग और विश्लेषणात्मक लेखन में रुचि. ट्रेंडिंग खबरों पर फोकस.

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