UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को श्रम एवं सेवायोजन विभाग की समीक्षा बैठक में श्रमिकों और उद्योगों के हितों को संतुलित करने की दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए. उन्होंने स्पष्ट कहा कि मजदूर और उद्योगपति प्रतिस्पर्धी नहीं बल्कि एक-दूसरे के पूरक हैं. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से श्रम कानूनों को सरल और व्यावहारिक बनाने के लिए कहा है, जिससे उद्योगों को सुविधा मिलने के साथ ही श्रमिकों के शोषण या अमानवीय व्यवहार की कोई संभावना न रहे.
मजदूरों को 5-10 रुपए में चाय, नाश्ते की हो व्यवस्था
सीएम योगी ने कहा कि राज्य में रोजगार सृजन का सबसे बड़ा माध्यम उद्योगों का विस्तार है. ऐसे में उद्योगों को बंद करके रोजगार नहीं दिया जा सकता है, बल्कि उद्योगों को सशक्त बनाकर ही ‘हर हाथ को काम’ का सपना पूरा किया जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि दुर्घटना की स्थिति में श्रमिकों को बीमा और सम्मानजनक मानदेय मिलना चाहिए, जिससे उनके परिवारों को सुरक्षा मिल सके. सीएम योगी ने कैंटीन में मजदूरों को 5-10 रुपये में चाय, नाश्ता और भोजन मिलने की व्यवस्था सुनिश्चित की बात कही है.
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विदेशी भाषा सिखाने पर दिया बल
सीएम योगी ने विदेश में रोजगार के लिए जाने वाले निर्माण श्रमिकों को तकनीकी प्रशिक्षण के साथ विदेशी भाषा सिखाने पर भी बल दिया. उन्होंने कहा कि यह न केवल उनकी कार्यक्षमता बढ़ाएगा, बल्कि उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा. मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि आयुष्मान भारत योजना की तर्ज पर निजी अस्पतालों को सीएसआईसी और ईएसआईएस से जोड़ा जाए. इससे संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों के मजदूरों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी. बैठक के दौरान अधिकारियों ने जानकारी दी कि 2016 तक प्रदेश में कुल 13,809 कारखाने पंजीकृत थे, जबकि पिछले नौ वर्षों में 13,644 नए कारखानों का पंजीकरण हुआ, जो लगभग 99 फीसदी की वृद्धि है.
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