UP News: छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (CSJMU) ने तुर्किए के इस्तांबुल विश्वविद्यालय के साथ किए गए समझौता ज्ञापन (MoU) को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है. यह फैसला तुर्किए द्वारा पाकिस्तान के पक्ष में लिए गए रुख और भारत-विरोधी बयानबाजी के चलते लिया गया है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने शुक्रवार को इसकी आधिकारिक पुष्टि की.
राष्ट्रहित सर्वोपरि है- कुलपति
कुलपति प्रो. विनय पाठक ने बताया कि उन्होंने इस्तांबुल विश्वविद्यालय के रेक्टर जुल्फिकार को औपचारिक पत्र भेजकर समझौते को समाप्त करने की सूचना दी है. उन्होंने कहा कि यह फैसला तुर्किए द्वारा पाकिस्तान का समर्थन करने की उनकी विदेश नीति के चलते लिया गया है, जो कि भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति शत्रुतापूर्ण रवैये को दर्शाता है. कुलपति ने दो टूक कहा कि ऐसे किसी भी विदेशी संस्थान के साथ शैक्षणिक सहयोग को स्वीकार नहीं किया जा सकता, जो भारत विरोधी तत्वों के साथ खड़ा हो. राष्ट्र सर्वोपरि है, और कोई भी अकादमिक उत्कृष्टता इसकी कीमत पर स्वीकार नहीं की जा सकती.
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नवंबर, 2023 में हुआ था समझौता
गौरतलब है कि इस समझौता ज्ञापन पर नवंबर 2023 में हस्ताक्षर हुए थे, जिसमें दोनों संस्थानों के बीच अकादमिक सहयोग, शोध कार्य और फैकल्टी एक्सचेंज का प्रावधान था. अब इस साझेदारी को औपचारिक रूप से समाप्त कर दिया गया है.
देशभर के विश्वविद्यालयों से की अपील
AIU (भारतीय विश्वविद्यालय संघ) के अध्यक्ष होने के नाते VC प्रो. विनय पाठक ने देश के अन्य कुलपतियों और शैक्षणिक संस्थानों से भी आग्रह किया है कि वे पाकिस्तान, तुर्किए और बांग्लादेश के साथ किसी भी साझेदारी की एक बार फिर से समीक्षा करें, खासकर तब जब ऐसे संस्थानों से भारत विरोधी विचारों या आतंकवाद के समर्थन के प्रमाण मिलें. उन्होंने कहा कि हमारे शिक्षण संस्थान भारत की एकता, अखंडता और सुरक्षा के प्रतीक हैं. ऐसे में उन संस्थानों के साथ किसी भी प्रकार का सहयोग न किया जाए जो हमारे देश के खिलाफ खड़े हैं.
पहलगाम हमले के बाद बदले समीकरण
गौरतलब है कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद तुर्किए द्वारा पाकिस्तान के समर्थन और भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की आलोचना से भारत और तुर्किए के संबंधों में तनाव आ गया है. इस घटनाक्रम के बाद देशभर में तुर्किए के उत्पादों के बहिष्कार की मांग उठ रही है. इसके साथ ही ईजमाईट्रिप और इक्सिगो जैसे ट्रैवल प्लेटफॉर्म्स पर भी तुर्किए की यात्राएं रद्द की जा रही हैं और पश्चिम एशियाई देशों की यात्रा के खिलाफ चेतावनियां जारी हो रही हैं.
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