लखनऊ. उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में 134 साल पुराना हनुमान मंदिर, जिसे दिल्ली-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग को चौड़ा करने के लिए स्थानांतरित किया गया था, विवाद का केंद्र बन गया है. क्योंकि करणी सेना के सदस्यों ने मंदिर के पास स्थित मुस्लिमों की दुकानों पर आपत्ति जताई है. करनी सेना ने शुरू में मुसलमानों को मंदिर के बाहर 'प्रसाद' बेचने से रोका. अब, उन्होंने स्थानीय प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें "मुसलमानों के स्वामित्व वाली सभी दुकानों को हटाने" की मांग की गई है.
करणी सेना ने दिया ज्ञापन
गुरुवार को करणी सेना के जिलाध्यक्ष ओमवीर सिंह राठौर ने अन्य सदस्यों के साथ अनुमंडल दंडाधिकारी (एसडीएम) तिलहर दीप शिखा सिंह से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा. इसमें उन्होंने अपनी चिंताएं व्यक्त कीं. ओमवीर ने मीडिसा से कहा, "हम अन्य धर्मों के लोगों को अपने मंदिर के बाहर 'प्रसाद' और संबंधित सामान बेचने की अनुमति नहीं दे सकते. वे इसमें कुछ मिला सकते हैं.हम सोशल मीडिया पर कई चीजें देखते हैं कि लोग ग्राहकों को बेचने से पहले खाने पर थूक देते हैं.
कानून व्यवस्था भंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी
यूपी के शाहजहांपुर में 134 साल पुराने मंदिर के मामले पर बोलते हुए, शाहजहांपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) एस आनंद ने कहा कि ऐसी मांगों को "अस्वीकार्य" माना जाता है. उन्होंने कहा, 'मंदिर के पास कानून व्यवस्था भंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.