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UP News: ललितपुर बल्क ड्रग फार्मा पार्क का 1472 एकड़ भूमि पर होगा निर्माण, पांच गांवों की जमीन चिन्हित

ललितपुर के 5 गांवों की कुल 1472 एकड़ भूमि पर बल्क ड्रग पार्क का निर्माण होगा. फेज-1 में 300 एकड़ भूमि पर कार्य होगा.

लखनऊ: बुंदेलखंड के ललितपुर में बल्क ड्रग फार्मा पार्क 5 गांवों की 1472 एकड़ में बनेगा. इसका निर्माण दो फेज में होगा. इसी के साथ जेनरिक दवाओं के उत्पादन हब के तौर पर ललितपुर के विकास का रास्ता साफ हो गया है. सीएम योगी की मंशा के अनुसारफेज-1 में 300 एकड़ भूमि के डीटेल्ड मास्टर प्लान व प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कराकर विकास कार्यों की शुरुआत की जाएगी. उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने डीटेल्ड मास्टर प्लान व प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करना शुरू कर दिया है.

ललितपुर में ड्रग पार्क के लिये मडावरा तहसील के तहत आने वाले सैदपुर में 426 व गडोलीकलां में 249 एकड़, महरौनी तहसील के तहत आने वाले लरगन में 239, करौंदा में 116 एकड़ व रामपुर में 441 एकड़ भूमि चिन्हित की गयी है. यूपीसीडा यहां कुल भूमि सर्वेक्षण में आधुनिक सर्वेक्षण तकनीकों जैसे डिजिटल टोटल स्टेशन, डीजीपीएस, ड्रोन आदि का उपयोग करके 1:4000 पैमाने में मानचित्र तैयार कराया जा रहा है. यह सर्वे ऑफ इंडिया के ग्रेट ट्रिगोनोमेट्रिक सर्वे लेवलिंग बेंचमार्क के आधार पर होगा. निरीक्षण स्थल पर डीजीपीएस का उपयोग करके ग्राउंड कंट्रोल नेटवर्क की स्थापना की प्रक्रिया चल रही है.

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ललितपुर में बल्क ड्रग फार्मा पार्क के विकास के लिए फेज-1 में यूपीसीडा ने डीटेल्ड मास्टर प्लान व प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने के लिये नेशनल कॉम्पिटीटिव बिडिंग (एनसीबी) के जरिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) व रिक्वेस्ट फॉर क्वॉलिफिकेशन (आरएफक्यू) प्रक्रिया के जरिए आवेदन मांगे हैं. जो फर्म कार्य आवंटन के लिए आवेदन करेंगी, उन्हें तीन स्तरीय निर्धारण प्रक्रिया से गुजरना होगा. इस निर्धारण प्रक्रिया का पहला फेज प्री बिड, दूसरा फेज फाइनेंशियल व तीसरा फेज टेक्निकल बिड होगा.

फार्मा/बल्क पार्कों के प्रमुख पहलुओं को समझने के लिए रिसर्च व सर्वे प्रक्रिया को पूर्ण करने, वाणिज्यिक, सार्वजनिक और अर्ध-सार्वजनिक सुविधाओं के तहत क्षेत्र का विकास करने, नदियों और ऊंचे तटबंधों पर प्रस्तावित पुलों/राजमार्ग संरचनाओं के लिए भू-तकनीकी व उप-सतह अन्वेषण तथा सॉयल सैंपलिंग जैसी प्रक्रियाओं को पूरा करना होगा. यहां बनने वाले संभावित उत्पादों की विकास संभावनाओं व बाजारों के संदर्भ में मांग का आकलन कर रिपोर्ट तैयार करना होगा.

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