लखनऊ : समाजवादी पार्टी के नेता और कथित सामूहिक बलात्कार के आरोपी गायत्री प्रसाद प्रजापति को गिरफ्तार कर लिया गया है. वह पिछले कई दिनों से फरार चल रहे थे. उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाने के कारण अखिलेश सरकार की बहुत किरकरी भी हुई थी. प्रजापति को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार किया.
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक कार्यालय ने खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि प्रजापति को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने कल ही प्रजापति के बेटे अनुराग और भतीजे सुरेन्द्र को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था. दोनों पर आरोपियों को शरण देने का आरोप लगाया गया है. मामले के तीन सह अभियुक्तों को भी कल लखनऊ में गिरफ्तार कर लिया गया था.
पुलिस महानिरीक्षक ए सतीश गणेश ने बताया था कि सामूहिक बलात्कार के मामले में प्रजापति के साथ अभियुक्त बनाये गये अमरेन्द्र उर्फ पिंटू, रुपेश्वर तथा विकास वर्मा को लखनऊ के हजरतगंज इलाके में गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में अशोक तिवारी, आशीष शुक्ला, प्रजापति के गनर चंद्रपाल तथा कल पकडे गये तीन अन्य समेत कुल छह आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका था. प्रजापति को आज पकडा गया.
मालूम हो कि प्रजापति तथा उनके छह अन्य साथियों पर एक महिला से सामूहिक बलात्कार और उसकी बेटी से छेडखानी के आरोप में उच्चतम न्यायालय के गत 17 फरवरी के निर्देश पर मुकदमा दर्ज किया गया था. प्रजापति ने इस बार भी अमेठी विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लडा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पडा. प्रजापति के विदेश भागने की आशंका के मद्देनजर उनके पासपोर्ट को चार हफ्तों के लिये निलम्बित कर दिया गया था और उनके खिलाफ ‘लुक आउट’ नोटिस जारी किया गया था.
विधानसभा चुनाव के दौरान यह मामला उठने पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इशारों में प्रजापति को आत्मसमर्पण करने को कहा था. राज्यपाल राम नाईक ने बलात्कार जैसे गम्भीर आरोप में वांछित होने के बावजूद प्रजापति को मंत्रिमण्डल से बर्खास्त ना किये जाने पर आपत्ति दर्ज करते हुए इस सिलसिले में मुख्यमंत्री को चिट्ठी भी लिखी थी.