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इलाहाबाद : राष्‍ट्रगान पर रोक लगाने वाला स्‍कूल प्रबंधक गिरफ्तार

लखनऊ : इलाहाबाद का एमए कॉन्‍वेंट स्‍कूल में 12 सालों से राष्‍ट्रगान पर रोक का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में राष्‍ट्रगान पर रोक लगाने वाले स्‍कूल प्रबंधक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही स्‍कूल को बंद कराने का आदेश भी दे दिया है. * कैसे आया मामला सामने […]

लखनऊ : इलाहाबाद का एमए कॉन्‍वेंट स्‍कूल में 12 सालों से राष्‍ट्रगान पर रोक का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में राष्‍ट्रगान पर रोक लगाने वाले स्‍कूल प्रबंधक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही स्‍कूल को बंद कराने का आदेश भी दे दिया है.

* कैसे आया मामला सामने

ज्ञात हो एमए कॉन्‍वेंट स्‍कूल में बिते 12 सालों से राष्‍ट्रगान पर रोक लगा हुआ है. यहां एक बार भी राष्‍ट्रगान नहीं गाया गया है. यह मामला अब भी सामने नहीं आता, लेकिन स्‍कूल की प्रिंसिपल सहित आठ अध्‍यापकों ने यह मांग करते हुए इस्‍तीफा दे दिया कि इस बार स्‍वतंत्रता दिवस पर स्‍कूल में राष्‍ट्रगान गाने की इज्‍जाजत दी जाए. शिक्षकों की इस मांग पर स्‍कूल प्रबंधक जियाउल हक़ ने सभी शिक्षकों को बाहर निकाल दिया.

* क्‍या है शिक्षकों की मांग

इस्तीफा देने वाले शिक्षकों का कहना है कि राष्ट्रगान गान का अधिकार उन्हें संविधान ने दिया है और यह उनका मूल अधिकार है. शिक्षकों का कहना है कि उनके इस अधिकार को स्कूल प्रबंधन छिनने की कोशिश की तो उन्होंने स्कूल छोड़ दिया है.

* स्‍कूल प्रबंधक ने क्‍यों लगाया है राष्‍ट्रगान पर रोक

स्कूल में राष्‍ट्रगान नहीं होने देने के पीछे प्रबंधक जियाउल हक का तर्क है कि राष्ट्रगान में ‘भारत भाग्य विधाता’ का गलत प्रयोग किया गया है. इस शब्‍द में ही उन्‍हें आपत्ति है. हक का कहना है कि यह शब्‍द उनके मजहब के अनुकूल नहीं है.

हक के अनुसार भारत में रहने वाले सभी लोगों के भाग्‍य का विधाता भारत कैसे हो सकता है. यह इस्‍लाम के विरूध है. हालांकि हक के इस तर्क को इलाहाबाद के एक मुस्लिम धर्मगुरु ने खारिज कर दिया है. धर्मगुरु के अनुसार राष्‍ट्रगान में कुछ भी ऐसा शब्‍द नहीं है जो इस्‍लाम धर्म के अनुकूल नहीं है.

* पिछले 12 साल से यहां कभी राष्ट्रगान नहीं गाया गया

बताया जा रहा है कि स्कूल की स्थापना के बाद पिछले 12 साल से यहां कभी राष्ट्रगान नहीं गाया गया. स्कूल का नाम एम ए कान्वेन्ट है जहां स्थापना के साथ ही तुगलकी फरमान जारी किया गया था जिसका पालन आज भी किया जा रहा है. जब इस तुगलकी फरमान के साये में जी रहे स्कूल की प्रिंसिपल और उसके साथ की आठ अध्यापिकाओं ने इसके खिलाफ आवाज उठाई तो प्रबंधन ने उन्हें स्कूल से निकाल दिया.

* सरस्‍वती वंदना और वंदे मातरम पर भी है रोक

इस स्‍कूल में केवल राष्‍ट्रगान पर ही रोक नहीं है बल्कि यहां सरस्‍वती वंदना और राष्‍ट्रगीत वंदे मातरम पर भी रोक लगाया गया है. स्‍कूल प्रबंधक की दलिल है कि यह धर्म विशेष का है.

* बिना मान्‍यता का चल रहा है एमए कॉन्‍वेंट

राष्‍ट्रगान का मामला तूल पकड़ने के बाद जब प्रशासन जांच शुरू की तो एक चौकाने वाला सच्‍च सामने आया. प्रशासन की प्रारंभिक जांच में जो चिज सामने आया है उसके अनुसार स्‍कूल अब तक बिना को मान्‍यता के चल रहा है.

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