लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय द्वारा चपरासी के पर पर भर्ती को रद्द कर दिया गया है. इस विज्ञापन के आने के बाद करीब 23 लाख आवेदन सचिवालय को प्राप्त हुए जिसमें स्नातक से लेकर बी.टेक और पीएच.डी होल्डर वालों ने भी आवेदन दिया. इसे रद्द करने की सिफारिश उत्तर प्रदेश सरकार की एक कमिटी ने की है.
12 अगस्त को सचिवालय की ओर से इस विज्ञापन को जारी किया गया था जिसमें चपरासी बनने के लिए पीएचडी और इंजिनियरिंग की डिग्री वालों ने भी आवेदन किया. इस खबर के प्रकाश में आने के बाद मामला लगातार चर्चा में बना हुआ था. मामले पर गंभीरता दिखाते हुए मुख्य सचिव ने एक कमिटी का गठन किया. अब आवेदकों की संख्या में कमी लाने के लिए सरकार भर्ती की नई योग्यता तय कर सकती है.
आवेदन के विज्ञापन में कहा गया था कि उम्मीदवार को 5वीं पास होना चाहिए साथ ही उसे साइकिलिंग आनी चाहिए हालांकि, लड़कियों और विकलांगों के लिए यह जरूरी नहीं था. आपको बता दें कि 368 पोस्ट के लिए 23 लाख एप्लिकेशन आए थे. उत्तर प्रदेश में करीब 21.5 करोड़ लोग निवास करते हैं. इसका अर्थ यह हुआ कि हर 93वें शख्स ने चपरासी के पोस्ट के लिए आवेदन किया था.