लखनऊ : उच्चतम न्यायालय द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले खाली करने के लिए दी गयी इस सप्ताहांत तक की मोहलत खत्म होने जा रही है और इससे पहले चार पूर्व मुख्यमंत्री अपने बंगले खाली करने का फैसला ले चुके हैं जिनमें दो सरकारी आवास छोड़ चुके हैं और दो छोड़ने जा रहे हैं.
उच्चतम न्यायालय ने पिछली सात मई को पूर्व मुख्यमंत्रियों को यह कहते हुए अपने सरकारी बंगले खाली करने का आदेश दिया था कि पद से हटने के बाद वे सरकारी आवास में नहीं रह सकते. इसके बाद राज्य संपत्ति विभाग ने छह पूर्व मुख्यमंत्रियों नारायण दत्त तिवारी, मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह, मायावती, राजनाथ सिंह और अखिलेश यादव को अपने सरकारी बंगले खाली करने का नोटिस दिया था. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इनमें से तिवारी और मायावती को छोड़कर बाकी पूर्व मुख्यमंत्री अपने सरकारी बंगले खाली कर चुके हैं या उन्हें छोड़ने को राजी हो गये हैं. केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह अपने सरकारी बंगले खाली कर चुके हैं, वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव भी अपने आवास खाली कर रहे हैं.
तिवारी बीमार हैं और उनकी पत्नी ने बंगला खाली करने के लिए राज्य सम्पत्ति विभाग से यह कहते हुए कुछ और वक्त मांगा है उनके पति अपनी जिंदगी के आखिरी लम्हे जी रहे हैं. तिवारी के मॉल एवेन्यू स्थित सरकारी बंगले के बाहर पंडित नारायण दत्त तिवारी सर्वजन विकास फाउंडेशन का बोर्ड लग गया है. माना जा रहा है कि यह बंगला बचाने की कवायद के तहत किया जा रहा है. बसपा प्रमुख मायावती के अपने सरकारी आवास 13-माल एवेन्यू को पार्टी संस्थापक कांशी राम का स्मारक बताये जाने से एक नया पेंच फंस गया था. हालांकि, संपत्ति विभाग ने उनके इस दावे को निरस्त करते हुए कहा था कि मायावती ने 6-लाल बहादुर शास्त्री मार्ग स्थित जो आवास खाली किया है, उस पर उनका अवैध कब्जा था.
राज्य संपत्ति विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मायावती को पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से 13-ए मॉल एवेन्यू बंगला आवंटित किया गया था, वहीं 6-लाल बहादुर शास्त्री मार्ग बंगले पर उनका अवैध कब्जा था, जिसे अब उन्होंने खाली किया है. उन्हें उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार मॉल एवेन्यू का बंगला खाली करना होगा. मालूम हो कि मायावती ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन का दावा करते हुए 6-लाल बहादुर शास्त्री मार्ग बंगला खाली कर दिया था. दूसरी ओर, बसपा का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने मायावती को 13ए-मॉल एवेन्यू वाला बंगला खाली करने का नोटिस भेजा, जबकि उन्हें लाल बहादुर शास्त्री मार्गवाला आवास खाली करने का नोटिस भेजा जाना चाहिए था, क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर उन्हें यही बंगला आवंटित किया गया था.
बसपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात में यह दावा किया था कि मॉल एवेन्यूवाले बंगले को वर्ष 2011 में कांशी राम स्मारक घोषित कर दिया गया था और मायावती उसकी देखभाल के लिए वहां रहती थीं. उनके पास स्मारक परिसर के मात्र दो कमरे ही थे. बंगला खाली करने के लिए दी गयी मोहलत खत्म होने में महज दो दिन बचे हैं. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने क्रमशः 4 और 5 विक्रमादित्य मार्ग स्थित अपने सरकारी बंगले खाली करने शुरू कर दिये हैं. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि वे अब कहां रहेंगे.
सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि अखिलेश और मुलायम नोटिस की अवधि के अंदर ही अपने सरकारी बंगले खाली कर देंगे. अखिलेश ने राज्य संपत्ति विभाग से आग्रह किया है कि वह उनके लिए वीवीआईपी गेस्ट हाउस में दो कमरे आवंटित कर दे ताकि अगला आशियाना मिलने तक वह उनमें रह सकें. उधर, राजनाथ सिंह ने सरकारी बंगला छोड़कर राजधानी में गोमती नगर के विपुल खंड में अपना दूसरा आवास बनाया है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह लखनऊ में अब अपने पौत्र और राज्य सरकार के मंत्री संदीप सिंह के आवास में रहेंगे.