हरीश तिवारी@लखनऊ
फलों के राजा आम के दिवाने सभी होते हैं. लेकिन इसमें लखनऊ के दशहरी की तो बात ही कुछ और है. देश से विदेश तक इसके स्वाद के मुरीद हैं लोग. लिहाजा विदेशी कद्रदानों को आम मिल सके इसलिए उत्तर प्रदेश का मंडी परिषद बेहतर मैंनेजमेट के जरिए आम का निर्यात बढ़ा रहा है. मंडी परिषद के अफसरों का दावा है कि इस बार परिषद डेढ़ दर्जन देशों में आम निर्यात करेगा.
आमतौर से उत्तर प्रदेश समेत महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से आम का निर्यात विदेशों को किया जाता है. यूरोपियन देशों और अमेरिकी देशों में निर्यात के सख्त नियमों के कारण निर्यात कम हो पाता है जबकि मध्य पूर्व ईस्ट देशों में आम आसानी से निर्यात हो जाता है. हर साल विदेशों में आम की मांग बढ़ रही है.
प्रदेश से मुख्यत: दशहरी, चौंसा व लगड़ा आम का निर्यात विभिन्न देशों में किया जाता है. विदेशों में मुख्य रूप से लखनऊ व सहारनपुर से आम निर्यात होता है. प्रदेश से आम का निर्यात नवाब ब्रांड के रूप में की जाती है. फिलहाल निर्यात करने से पहले आम को प्रोसेस किया जाता है और विदेशी बाजार के मुताबिक मानकों पर भी खरा उतारने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं.
इसी कारण नवाब की मांग विदेशी बाजारों में बढ़ रही है. पिछले साल प्रदेश से 16 देशों को 414.44 मिट्रिक टन आम का निर्यात किया गया था. सरकार की तरफ से आम उत्पादकों को लाभ दिलाने के लिए इसके निर्यात पर भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है. निर्यात को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. इसको लेकर आम की गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
यह आम इटली, लंदन, रोम, दोहा, समेत कई देशों में निर्यात किया गया था. प्रदेश से विदेशों को आम सबसे पहले 2004 में शुरू किया गया था. उसके पहले निजी निर्यातक आम का निर्यात करते थे. लेकिन बाद में परिषद की तरफ से निर्यातकों और उत्पादकों को सहूलियतें दी गयी तो आम के निर्यात में तेजी आनी शुरू हुई. तब राज्य से महज 9.6 मैट्रिक टन आम का निर्यात किया गया था.
लेकिन दस सालों के बीच आम का निर्यात दस देशों में किया जाने लगा और अब 16 देशों में आम का निर्यात किया जा रहा है. मंडी परिषद के अफसरों का कहना कि इस बार डेढ़ दर्जन देशों तक इसकी पहुंच बनाने में कामयाब हो जायेंगे. आम का निर्यात बढ़ाने के लिए कुवैत, दुबई, सउदी अरब, न्यूजीलैण्ड, जापान, साउथ कोरिया सहित अन्य कई देशों के निर्यातकों से बैठकें हो चुकी हैं और सब ठीक ठाक रहा तो जून के अंत तक इन देशों को आम का निर्यात किया जायेगा.