LUCKNOW NEWS: उत्तर प्रदेश, बिहार और देश के अन्य राज्यों में हर वर्ष बाढ़ से होने वाली भारी तबाही पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने इस समस्या की जड़ में भ्रष्टाचार को बताया और राज्य सरकारों से विशेषकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की है.
“सरकारी दावों के बावजूद हर साल लाखों परिवार तबाह”
मायावती ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा….
“उत्तर प्रदेश और बिहार सहित देश के विभिन्न राज्यों में बाढ़ संरक्षण संबंधी उपायों के सरकारी दावों के बावजूद हर साल लाखों परिवार भयानक तबाही झेलते हैं. उनके जान-माल, पशुधन व खेती-किसानी आदि बुरी तरह से प्रभावित होते हैं, जिससे उनका जीवन फिर से कष्टमय हो जाता है.”
उन्होंने इस स्थिति को “बेहद चिंतनीय” बताया और कहा कि बार-बार की इस त्रासदी के पीछे असली वजह बाढ़ संरक्षण की योजनाओं में फैला भ्रष्टाचार है.
“सिर्फ बैठकों से नहीं, जमीनी स्तर पर ईमानदारी जरूरी”
बसपा प्रमुख ने अपने पोस्ट में योगी सरकार को सलाह देते हुए लिखा…
“बाढ़ संरक्षण की सरकारी योजनाओं में फैला भ्रष्टाचार इसका प्रमुख कारण है, जिसके प्रति उत्तर प्रदेश सरकार को भी बैठकों से आगे जाकर जमीनी स्तर पर ईमानदारी से सक्रियता व सख्ती करने की जरूरत है.”
उन्होंने यह भी कहा कि जब तक बाढ़ राहत और बचाव कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही नहीं लाई जाएगी, तब तक करोड़ों बाढ़ प्रभावित लोगों को सही तरीके से मदद नहीं मिल पाएगी और उनका जीवन त्रस्त ही बना रहेगा.
बाढ़ राहत कार्यों में पारदर्शिता लाने की मांग
मायावती ने सरकारों से अपील की है कि बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए केवल कागज़ी योजनाओं पर भरोसा न करते हुए ज़मीनी स्तर पर प्रभावी कार्यवाही की जाए. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगाया गया तो जनता का विश्वास लगातार डगमगाता रहेगा.