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ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे न होने से नाराज स्वामी जीतेंद्रानंद, बोले- आततायियों को संविधान पर भरोसा नहीं

श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे के कार्य में प्रतिवादी पक्ष द्वारा अवरोध उत्पन्न किये जाने पर स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती रोष प्रकट किया है. उन्होंने कहा कि इन लोगों को देश के कानून और संविधान पर कोई विश्वास नहीं है.

Varanasi News: अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती (jitendranand saraswati) ने श्रृंगार गौरी (Shringar Gauri Temple) और ज्ञानवापी मस्जिद (gyanvapi mosque) सर्वे के कार्य में प्रतिवादी पक्ष द्वारा अवरोध उत्पन्न किये जाने पर रोष प्रकट किया है. उन्होंने कहा कि कि इन लोगों को देश के कानून और संविधान पर कोई विश्वास नहीं है. ऐसे लोग सिर्फ अराजकता फैलाने के उद्देश्य से सुनियोजित तरीके से कर रहे हैं, लेकिन सर्वे होकर रहेगा.

आततायियों को संविधान पर विश्वास नहीं- जीतेंद्रानंद सरस्वती

स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि आततायी आक्रांता जिन्होंने मन्दिर तोड़े उनके वंशजों को भारत के संविधान कानून व्यवस्था पर कोई विश्वास नहीं है. इन लोगों ने कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध जाकर सर्वे नहीं होने दिया. वहां पर अराजकता की स्थिति पैदा करना इनकी मानसिकता को दर्शाता है. उन्होंने कह कि, सर्वे कब तक रोकेंगे, आज रोकोगे या कल रोकोगे. या सर्वे नहीं होने दोगे? सर्वेयर अपनी रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करेंगे. निर्णय न्यायालय को लेना है.

सभ्य देश और समाज में अराजकता बर्दाश्त नहीं

अदालत ने स्पष्ट रूप से पूरे परिसर का सर्वे कराने को कहा है. अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता कोर्ट के अंदर कुछ और बात करते हैं. कोर्ट के बाहर इनके लोगों का व्यवहार लोकतंत्र को बंधक बनाने जैसा है. इसलिए किसी भी सभ्य देश और समाज में ऐसी अराजकता को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. मस्जिद के अंदर पहले से गुट बनाकर मुसलमानों को जुटा कर रखा गया.

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‘सुनियोजित तरीके से किया गया षड्यंत्र’

उन्होंने कहा कि, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सचिव बताएं कि अदालत के आदेश के विरुद्ध उन्होंने ऐसा क्यों किया. यह सब सुनियोजित षड्यंत्र के तहत किया गया है. इसमें प्रशासनिक विफलता जैसी कोई बात नहीं है. यह लोग भारतीय संविधान के दायरे में कभी नहीं बंधेंगे और ऐसे ही उल्टा-सीधा व्यवहार हमेशा करते रहेंगे.

रिपोर्ट- विपिन सिंह

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