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न्याय में देर होना एक तरह का अन्याय : रामनाथ कोविंद

इलाहाबाद : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कहा कि न्याय मिलने में देर, एक तरह का अन्याय है. न्याय प्रक्रिया में विलंब गरीब के लिए असहनीय बोझ है. इस अन्याय को दूर करने के लिए जितना संभव हो सके, परहेज करना चाहिए. स्थगन तभी हो, जब उसका कोई विकल्प न हो. यहां झलवा में इलाहाबाद […]

इलाहाबाद : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कहा कि न्याय मिलने में देर, एक तरह का अन्याय है. न्याय प्रक्रिया में विलंब गरीब के लिए असहनीय बोझ है. इस अन्याय को दूर करने के लिए जितना संभव हो सके, परहेज करना चाहिए. स्थगन तभी हो, जब उसका कोई विकल्प न हो.

यहां झलवा में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की अत्याधुनिक टाउनशिप न्याय ग्राम का शिलान्यास करने आये राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, सभी को समय से न्याय मिले, न्याय व्यवस्था कम खर्चीली हो, सामान्य नागरिक की भाषा में निर्णय देने की व्यवस्था हो और विशेषकर महिलाओं एवं कमजोर वर्ग के लोगों को न्याय मिले, यह हम सब की जिम्मेदारी है.

देश की मौजूदा प्रणाली में सुधार की जरूरत को रेखांकित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, आज अधिकांश मामलों में यह स्थिति है कि जो गरीब मुवक्किल पैसा खर्च करता है और जिसके लिए पूरी प्रक्रिया सबसे अधिक महत्वपूर्ण है, वही इस प्रक्रिया के बारे में अनभिज्ञ होता है. यदि स्थानीय भाषा में बहस करने का चलन जोर पकड़े तो सामान्य नागरिक अपने मामले की प्रगति को बेहतर ढंग से समझ पायेंगे.

राष्ट्रपति ने निर्णयों और आदेशों की प्रतिलिपियों का स्थानीय भाषा में अनुवाद कराने की व्यवस्थाा पर जोर देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने अपने निर्णयों और आदेशों का अनुवाद कर उसे हिंदी में उपलब्ध कराने का प्रावधान किया है और कुछ अन्य उच्च न्यायालय भी इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा, एक अधिवक्ता के तौर पर मेरा अनुभव रहा है कि एक वैकल्पिक न्याय व्यवस्था को मजबूत बनाया जाये तो सामान्य नागरिकों को बहुत लाभ होगा.

इस मौके पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या मौजूदा 108 से बढ़ाकर 160 करने के बारे में मुख्यमंत्री की ओर से प्रस्ताव आने पर वह उसे तत्काल राष्ट्रपति को भेज देंगे. उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों के मंजूर पद 160 हैं, जबकि वर्तमान में यहां 108 न्यायाधीश कार्यरत हैं.

कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, आईसीआरएस पोर्टल के माध्यम से आठ महीनों में लगभग 22,84,047 शिकायते आयीं. जिनमें से एक समय सीमा के भीतर 20,32,045 शिकायतों का निस्तारण कर दिया गया. उन्होंने जनहित याचिकाओं को जनहित को लटकाने की कोशिश करार देते हुए कहा कि कभी-कभी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के दौरान जनहित याचिकाएं अवरोध की तरह काम करती हैं.

योगी आदित्यनाथ ने इसे मीडिया में बने रहने के लिए जनहित के मुद्दों को लटकाने की कोशिश करार देते हुए इस दिशा में गंभीरता से विचार करने की जरूरत बतायी. कल दो दिवसीय इलाहाबाद यात्रा पर आए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज सुबह संगम तट पर पूजा अर्चना की और हनुमान जी के दर्शन किये. इस दौरान उनकी पत्नी सविता कोविंद, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, चिकित्सा मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और नगर की महापौर अभिलाषा गुप्ता उनके साथ थे.

उच्च न्यायालय के अनुरोध पर राज्य सरकार ने न्याय ग्राम परियोजना के लिए झलवा के देवघाट में 34.82 एकड भूमि उपलब्ध करायी है जहां एक न्यायिक अकादमी, 1500-2000 लोगों के बैठने की क्षमता वाले एक प्रेक्षागृह और जजों एवं कर्मचारियों के आवासों का निर्माण किया जायेगा. राज्य सरकार ने इस परियोजना के लिए लोक निर्माण विभाग को निर्माण एजेंसी के तौर पर नामित किया है और इस परियोजना के लिए 395.10 करोड़ रुपये मंजूर कियेगये हैं. जिसमें से पहली किस्त के तौर पर 62 करोड़ रुपये जारी कियेगये हैं. दूसरे चरण में, जजों के लिए 33 बंगलों और कर्मचारियों के लिए 66 फ्लैटों का निर्माण किया जायेगा.

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