लखनऊ : चुनाव आयोग की ओर से समाजवादी पार्टी और उसका चुनाव चिह्न दिये जाने के बाद मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि कांग्रेस के साथ गंठबंधन पर जल्द ही फैसला ले लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ गंठबंधन का ऐलान लखनऊ से ही किया जायेगा. अखिलेश के इस एलान के कुछ ही मिनटों के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व उत्तरप्रदेश के प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने मीडिया से कहा कि समाजवादी पार्टी से राज्य में गंठबंधन जरूर होगा. नबी के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया कि गैर भाजपावाद की लड़ाई में दोनों पार्टियों के बीच पहले से ही अंदरखाने सहमति बन गयी थी, सिर्फ चुनाव आयोग से जुड़ी तकनीकी मामलों के निबट जाने का इंतजार था.
गुलाम नबी ने कहा कि उम्मीदवारों के नाम पर फैसला पार्टी हाइकमान कमान करेगा.वहीं,उत्तरप्रदेश चुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित ने इस पद के लिए अपना नाम वापस ले लिया है. उन्होंने कहा है कि गंठबंधन में मुख्यमंत्री पद के दो उम्मीदवार नहीं हो सकते हैं. इससे यह बहुत स्पष्ट हो गया है कि उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी-कांग्रेस गंठबंधन अखिलेश यादव के नेतृत्व मेंऔर उनको मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट कर चुनाव लड़ेगा.
इस गंठबंधन में दूसरे छोटे राजनीतिक धड़ों को भी साथ लाने की कोशिश की जायेगी. कल इसलिए अखिलेश यादव के रणनीतिकार रामगोपालयादव ने महागंठबंधन शब्द का प्रयोग किया था. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उत्तरप्रदेश में अखिलेश यादव की अगुवाई में विपक्ष साझा ताकत लगाकर बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई वाले गैरभाजपावाद के नारे वाले महागंठबंधन की सफलता को दोहराने की कोशिश करेगा.
वहीं, मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि वह नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के साथ मिलकर चलेंगे. उन्होंने कहा कि उनका नेताजी के साथ रिश्ता अटूट है और आगे भी रहेगा.
चुनाव आयोग में साइकिल सिंबल व पार्टी के नाम पर मिली जीत के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने पहुंचे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस के साथ गंठबंधन पर फैसला जल्द ही कर लिया जायेगा. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उम्मीदवारों की सूची जल्द जारी की जायेगी, थोड़ा इंतजार करें. पिता से रिश्तों पर उन्होंने कहा कि मेरे रिश्ते कभी खत्म नहीं हो सकते. मेरा उनके साथ कभी कोई मतभेद नहीं था. यहां तक कि हम दोनों की सूची में 90प्रतिशतउम्मीदवार एक समान हैं. अब हम पर बड़ी जिम्मेदारी और हमारा पूरा ध्यान दोबारा सरकार बनाने पर केंद्रित होगा.
गंठबंधन के स्वरूप पर चर्चा जारी
समाजवादी पार्टी व कांग्रेस के बीच चुनावी गंठबंधन तय हो जाने के बाद अब इसके स्वरूप व एलान के तौर-तरीकों पर अंदरखाने चर्चा चल रही है. इस गंठबंधन का एलान प्रभावी तरीके से करने की योजना है, ताकि मीडिया में बढ़त मिल सके. अखिलेश ने आज ही कहा है कि गंठबंधन का एलान लखनऊ से किया जायेगा. उनके इस एलान का उद्देश्य है कि लोगों में यह संदेश जाये कि उत्तरप्रदेश को दिल्ली नहीं लखनऊ से ही चलाया जायेगा. सूत्रों का कहना है कि गंठबंधन के औपचारिक एलान अखिलेश, राहुल व प्रियंकाएकसाथ कर सकते हैं. उधर, चुनाव लड़ने के फार्मूले व सीट बंटवारे पर कांग्रेस के बड़े नेताओं के संपर्क में रामगोपाल यादव हैं.