नयी दिल्ली : पूर्व बसपा सांसद धनंजय सिंह को आज बलात्कार और महिला को आपराधिक धमकी देने के आरोपों से बरी कर दिया गया. यह फैसला दिल्ली की एक अदालत ने आज सुनाया, इससे पहले कथित पीड़िता अपने बयान से पलट गयी थी.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सरिता बीरबल ने उत्तर प्रदेश के जौनपुर से पूर्व सांसद सिंह को यह कहते हुए बरी कर दिया कि 42 वर्षीय महिला ने अदालत में कहा है कि सिंह ने उसका यौन उत्पीड़न नहीं किया.
अदालत ने इस मामले में गवाही पूरी करके अंतिम फैसला सुनाना बाकी रखा था क्योंकि रेलवे कर्मचारी महिला ने पुलिस और मजिस्ट्रेट के समक्ष दिये बयान के विपरीत बयान दिया था. महिला ने पहले पुलिस और मजिस्ट्रेट के समक्ष दिये अपने बयान में कहा था कि सिंह ने लगभग चार वर्षों तक उससे बार-बार बलात्कार किया.
सिंह जमानत पर हैं और इस मामले में उनकी ओर से अधिवक्ता एस पीएम त्रिपाठी पेश हुए. सूत्रों ने कहा कि महिला ने इस वर्ष अप्रैल में अदालत में पेश होकर कहा था कि सिंह ने उसे कोई नुकसान नहीं पहंुचाया और ना ही उससे बलात्कार किया.
पुलिस ने इस मामले में सिंह के खिलाफ दायर आरोपपत्र में आरोप लगाया था कि उन्होंने जुलाई 2005 से मार्च 2009 के बीच महिला से कई बार बलात्कार किया.पुलिस ने महिला की ओर से दायर शिकायत का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया था कि सिंह ने महिला को बंदूक से धमकाकर कई बार बलात्कार किया और धमकी दी कि उसने यदि इस बारे में किसी को बताया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.
सूत्रों ने कहा था कि महिला ने अपनी गवाही के दौरान कहा कि उससे अकसर झगड़ा करता था और उसके वैवाहिक जीवन में समस्याओं और उसे उसके पति द्वारा तलाक का नोटिस देने के पीछे भी सिंह का ही हाथ था.महिला का कहना था कि उसके पति ने उसे वर्ष 2009 में तलाक का नोटिस भेजा था इसलिए वह परेशान थी. उसने सिंह के खिलाफ शिकायत इसलिए कराई क्योंकि सिंह उनके वैवाहिक जीवन में दखलंदाजी करते थे.
महिला ने कहा कि वह सिंह के खिलाफ कोई बयान नहीं देना चाहती थी और उसने मजिस्ट्रेट के समक्ष अपना बयान अपने रिश्तेदारों के दबाव में आकर दिया था.
महिला की ओर से शिकायत तब दर्ज करायी गयी जब सिंह और उनकी पत्नी एवं यहां के एक सरकारी अस्पताल में दंत चिकित्सक जागृति सिंह को उनकी नौकरानी की हत्या मामले में गत वर्ष नवंबर में गिरफ्तार किया गया.