Bhubaneswar news: संसद सदस्यों का वेतन, भत्ता और पेंशन हाल में ही बढ़ाया गया है. अब ओडिशा विधानसभा में सभी दलों के विधायकों ने एकजुट होकर अपने वेतन और पूर्व विधायकों की पेंशन में बढ़ोतरी की मांग उठायी है. विधानसभा में शुक्रवार को शून्यकाल के दौरान मुख्य विपक्षी दल बीजू जनता दल (बीजद) की मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक ने यह मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में महंगाई और चिकित्सा खर्च में भारी वृद्धि के कारण विधायकों के वेतन और पेंशन में संशोधन जरूरी हो गया है.
अंतिम बार 2017 में विधायकों के वेतन में की गयी थी वृद्धि
प्रमिला मलिक ने बताया कि इस मांग की समीक्षा के लिए राज्य सरकार ने उडाला से भाजपा विधायक भास्कर मधेई की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी, जिसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें वेतन-पेंशन वृद्धि की सिफारिश की है. बीजद नेता ने राज्य सरकार से समिति की सिफारिशों को तुरंत मंजूरी देने की मांग की और बताया कि अंतिम बार 2017 में विधायकों के वेतन में वृद्धि की गयी थी. विपक्ष के उप मुख्य सचेतक प्रताप केसरी देव ने भी इस मांग का समर्थन करते हुए कहा कि विधायकों को उनके कार्यों के अनुसार उचित वेतन मिलना चाहिए. उन्होंने भी समिति की सिफारिशों को लागू करने की मांग की.
सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी किया समर्थन
वहीं, सत्ता पक्ष भाजपा ने भी इस मुद्दे पर बीजद का समर्थन किया. खलीकोट से भाजपा विधायक पूर्ण चंद्र सेठी, जो स्वयं एक पूर्व विधायक हैं, ने कहा कि कम पेंशन राशि के कारण कई पूर्व विधायक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक विधायक के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा केवल 10,000 से 30,000 रुपये में करना संभव नहीं है. सेठी ने विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि वे सरकार को निर्देश दें कि मधेई समिति की सिफारिशों को जून माह से प्रभावी रूप से लागू किया जाये. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने एक अप्रैल, 2023 से सांसदों के वेतन, भत्ते और पेंशन में वृद्धि की घोषणा की है. संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों का मासिक वेतन एक लाख से बढ़ाकर 1.24 लाख रुपये कर दिया गया है, जबकि दैनिक भत्ता 2,000 से बढ़ाकर 2,500 रुपये किया गया है.
ओडिशा में जून, 2024 से अब तक एसटी, एसपी पर अत्याचार के 2,483 मामले दर्ज: मंत्री
ओडिशा के अनुसूचित जाति/जनजाति विकास मंत्री नित्यानंद गोंड ने शुक्रवार को विधानसभा में बताया कि जून, 2024 से अब तक राज्य भर के विभिन्न थानों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों पर अत्याचार से संबंधित कुल 2,483 मामले दर्ज किये गये हैं. यह जानकारी मंत्री ने विधायक संजीव कुमार मल्लिक के प्रश्न के लिखित उत्तर में दी. मंत्री के अनुसार, जाजपुर जिले में सबसे अधिक 269 मामले सामने आये हैं, इसके बाद कटक में 159 और जगतसिंहपुर में 157 मामले दर्ज किये गये हैं. गोंड ने बताया कि इन मामलों की जांच उप पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारियों की निगरानी में की जा रही है. प्रत्येक मामले की जांच एक अन्वेषण अधिकारी और राजस्व विभाग के अधिकारी की संयुक्त टीम द्वारा की जा रही है, ताकि निष्पक्ष और समयबद्ध जांच सुनिश्चित की जा सके. उन्होंने कहा कि पीड़ितों को सरकार की ओर से वित्तीय मुआवजा भी प्रदान किया जा रहा है. मंत्री ने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार अनुसूचित जाति और जनजाति समुदायों को सुरक्षा और न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है.आत्मचिंतन करें व विधानसभा की गरिमा बनाये रखें कांग्रेस व बीजद : भाजपा
ओडिशा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुरुवार को दोनों विपक्षी दलों बीजू जनता दल (बीजद) और कांग्रेस पर विधानसभा की गरिमा के उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए आत्मचिंतन करने को कहा. यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा की ओडिशा इकाई के प्रमुख मनमोहन सामल ने विपक्षी दलों पर कई दिनों तक अनियंत्रित व्यवहार करके विधानसभा की कार्यवाही बाधित करने का आरोप लगाया. सामल ने कहा कि विधानसभा के अंदर इस तरह के अनियंत्रित व्यवहार की किसी भी जिम्मेदार विपक्ष से उम्मीद नहीं थी. उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा की महिला अध्यक्ष के साथ विपक्ष ने उचित व्यवहार नहीं किया. उन्होंने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही में बार-बार व्यवधान डालना विपक्ष के लिए अच्छा संकेत नहीं है और यह लोगों तथा राज्य के हितों के खिलाफ होगा. बीजद और कांग्रेस दोनों ही अल्पकालिक योजना पर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीजद के लिए अभी भी इस बात को स्वीकार करना बाकी है कि लोगों ने उन्हें विपक्ष में बैठाया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

